Bihar Voters : गर्म हवा झोंकते पंखे... सुलगते मुद्दों की भट्ठी बनी बोगी, लोकतंत्र के पर्व में चल पड़ी 'इलेक्शन एक्सप्रेस'
देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव जारी हैं। लोकतंत्र के इस महापर्व के दौर में मतदान को लेकर मतदाताओं के बीच भी काफी उत्साह है। वोट देने से पहले लोग अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। इन्हीं मुद्दों को जानने के लिए जागरण संवाददाता ने ट्रेन का सफर किया। इसके तहत स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में बिहार जा रहे लोगों से संवाद किया।
जागरण संवाददाता, दरभंगा। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन..., एक बिहार यहां भी। घर-परिवार चलाने की मजबूरी यहां लाती है। जैसी कुशलता, वैसा काम...हाथ में वैसा दाम। आज कुछ दिनों के लिए अपनी मिट्टी पर जाने की तैयारी है। घर में बूढ़े मां-बाप, पत्नी और बच्चों की जिम्मेदारी है। आज लोकतंत्र के पर्व की बारी है।
एक तरफ भट्ठी बनी जनरल बोगी में गरम हवा झोंकते पंखे और ठेलम-ठेल भीड़, दूसरी तरफ एसी बोगियों में कंबल ओढ़े यात्री। एक गंदे-पुराने प्लास्टिक की बोतल को बोरे की कतरन में लपेटकर पानी ठंडा रखने की जुगत करता है, दूसरा पेंट्री से 'चिल्ड बाटल' मंगवाता है।
विकास और अमीरी-गरीबी के मुद्दों के बीच इन दो तस्वीरों के साथ दिल्ली से जयनगर वाया दरभंगा जानेवाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के साथ शुरू होती है चुनावी यात्रा...। उत्साह दोनों ओर है, क्योंकि आज का मतदान ही कल का वर्तमान होगा। यहां पढ़िए स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से मुकेश कुमार श्रीवास्तव की रिपोर्ट...
ट्रेन की श्रेणियों के अनुसार मुद्दे
ट्रेन की श्रेणियों और सवारियों के अनुसार मुद्दे हैं। थर्ड एसी में यात्रा कर रहे मधुबनी के मलमल गांव के वाजिद हुसैन कहते हैं, चुनाव करीब आते ही बेचैनी होने लगी, जैसे ईद और छठ-दीपावली, वैसे लोकतंत्र का मतदान पर्व...। इसमें भाग लेने के लिए पूरे परिवार के साथ गांव के लिए रवाना हो गए।
समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र के दरभंगा के बड़गांव निवासी विभेष कुमार भी इसी में हैं। कहते हैं- इस बार किन मुद्दों पर मतदान करना है। वाजिद कहने लगे, सरकार तो आती-जाती है, मतदाता वहीं के वहीं रहते हैं। सभी को सोच-समझकर मतदान करना चाहिए।
जो समाज का विकास करेगा और देश को विश्व के पटल पर स्थान दिलाएगा, वोट वहीं जाएगा। हां, यह जरूर है कि हमारे बच्चों में संस्कार की कमी आई है। अच्छा और खराब का फर्क महसूस नहीं करते।
सरकार को इसे लेकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। वाजिद के साथ चल रहे मो. करीम कहते हैं, सरकार चाहे जो हो, कुछ न कुछ काम करती है।
विकास करने और भ्रष्टाचार रोकने वाले को वोट
गाजियाबाद, टुंडला, अलीगढ़, कानपुर होते हुए हमारी ट्रेन सरपट दौड़ रही है, इस बीच हमारी चुनावी चर्चा भी जारी है। थर्ड एसी के दूसरे कंपार्टमेंट में यात्रा कर रहे झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के हरेड़ निवासी तरुण यादव की सुन लीजिए।
वह कहते हैं, मुद्दा-समीकरण जो कह लीजिए, लेकिन बिहार में अब जातिवाद से ऊपर उठकर मतदान होगा। दिल्ली से घर जा रहे, खर्च के साथ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन देश और भविष्य की चिंता है।
'चुनाव को दिन होगी बात, अब रहने दीजिए'
मधुबनी के बलिया निवासी शत्रुघ्न साह भी अपने आप को नहीं रोक पाए। कहने लगे, जीतकर जाने के बाद कोई किसी को देखने को नहीं आता है। दिल्ली में किराना की दुकान चलाते हैं। इस बीच दरभंगा लोकसभा क्षेत्र के बलभद्रपुर निवासी अजीत कुमार मिश्रा कहते हैं पूछा-पाछी करेंगे, मतदान कब करेंगे।
शत्रुघ्न तपाक से बोल उठे, इसी काम के लिए ना घर जा रहे। चुनाव के दिन बात होगी, अब रहने दीजिए...। जो विकास करेगा और भ्रष्टाचार पर नकेल लगाएगा, ऐसे नेताओं को ही मतदान करेंगे।
विकास के मुद्दों के सामने नरम पड़ी गर्मी
ट्रेन में सफर करने वाले लोगों की श्रेणी भले अलग-अलग हो, लेकिन मिजाज में कोई अंतर नहीं दिख रहा था। ट्रेन के बिहार में घुसते ही माहौल बदल चुका था। छपरा स्टेशन पर रुकते ही जनरल बोगी से भीड़ को चीरते दनादन लोग नीचे उतर रहे थे। किसी को बोतल में पानी भरने की तेजी थी तो कोई लिट्टी-चटनी पर फिदा था।
जनरल बोगी का शौचालय उपयोग लायक नहीं था। यह सब देख समस्तीपुर के हरपुर निवासी रामबाबू यादव कहते हैं, बदहाल यात्रा को बदलना है तो सोच-समझकर मतदान करना, नहीं तो भेड़-बकरी की तरह आना-जाना लगा रहेगा।
मतदान के उत्साह के सामने गर्मी पड़ी नरम
दरभंगा के डीहलाही निवासी प्रभु पासवान की भी सुन लीजिए, अब क्या चाहिए। मजदूरी करते हैं तो क्या कोई हाकिम बना देगा। विकास होने पर ही न समय पर मतदान करने घर जा रहे हैं। दरभंगा के कजियाना निवासी अशोक चौपाल कहते हैं, ट्रेन में भीड़ है और ऊपर से चरम पर गर्मी, सही-सलामत घर पहुंच जाएं...।
प्रभु कहते हैं, मतदान के उत्साह के सामने गर्मी नरम पड़ गई है। सबके इलाज की व्यवस्था हो रही है। इस देश की समस्या गरीबी नहीं, वैसे लोग हैा जो उनके हिस्से पर कुंडली मारे हैं। सभी लोग मतदान करें, हर पीड़ा का इलाज होगा।
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