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सपा के गढ़ में ‘साख’ का मुकाबला, डिंपल यादव और जयवीर सिंह की टक्कर… इस पार्टी का प्रत्याशी बदलेगा समीकरण!

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में शामिल मैनपुरी सीट पर महामुकाबले की तैयारी पूरी हो चुकी है। मंगलवार को मतदाता चुनावी रण में उतरे राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की जीत-हार का फैसला करेंगे। सपा ने डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है जबकि बसपा ने पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाया है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Mon, 06 May 2024 06:59 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2024 06:59 PM (IST)
सपा के गढ़ में ‘साख’ का मुकाबला, डिंपल यादव और जयवीर सिंह की टक्कर… इस पार्टी का प्रत्याशी बदलेगा समीकरण।

जागरण संवाददाता, मैनपुरी। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में शामिल मैनपुरी सीट पर महामुकाबले की तैयारी पूरी हो चुकी है। मंगलवार को मतदाता चुनावी रण में उतरे राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की जीत-हार का फैसला करेंगे। 

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सपा और भाजपा के साथ बसपा भी मैदान में हैं। सपा ने डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि बसपा ने पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाया है। 

इनके अलावा पांच अन्य प्रत्याशी भी ताल ठोक रहे हैं। प्रचार के दौर में बड़े-बड़े नेता इस लोकसभा क्षेत्र को मथ चुके हैं। इस बार मैनपुरी का मतदाता चुनावी इतिहास में पहली बार रोड शो से प्रचार का गवाह बना। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सपा मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पार्टी प्रत्याशी डिंपल यादव ने रोड शो किए। वहीं भाजपा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बसपा के लिए पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी जनसभाएं कीं। 

चुनाव में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित अन्य कई बड़े नेता भी वोट मांगते नजर आए। ऐसे में सपा का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला है। इससे भी दिलचस्प ये कि कोई जीते-कोई हारे, इतिहास बनना तय है।

1996 के बाद से सपा ने जमाया कब्जा

मैनपुरी लोकसभा सीट को सपा का गढ़ कहा जाता है। यहां वर्ष 1996 के बाद से सपा का कब्जा हैं और वह 10 चुनाव जीत चुकी हैं। सपा ने डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है। वह मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में 2.88 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीतकर सांसद बनी थी। 

इस बार उनके सामने अपने गढ़ को बचाए रखने की चुनौती है। पिछले चुनाव में डिंपल यादव लोकसभा क्षेत्र की पहली महिला सांसद बनी थी। इस बार उनके सामने लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर इतिहास रचने का मौका है। 

दूसरी तरफ भाजपा ने इस बार समाजवादी गढ़ को ढहाने के लिए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है। जयवीर सिंह पूर्व में दो बार तात्कालिक घिरोर विधानसभा सीट से भी विधायक रहे चुके हैं। भाजपा लंबे समय से सपा के इस गढ़ को ढहाने की कोशिश में हैं। ऐसे में जयवीर सिंह के सामने भी इतिहास रचने का अवसर है। 

इस बार बसपा ठोक रही ताल

वहीं, 2019 के चुनाव में सपा से गठबंधन के चलते मैदान से दूर दिखी बसपा भी इस बार ताल ठोक रही है। बसपा ने यादव चेहरे के रूप में भरथना के पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव को उतारा है। बसपा में भी यहां अब तक एक बार भी जीत हासिल नहीं कर सकी है, ऐसे में उनके चुनाव परिणाम भी सबकी नजरें टिकी हैं।

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