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'प्रतिशोध में अखिलेश लड़ रहे चुनाव, डिंपल को जनता ने हराया'; पढ़ें सुब्रत पाठक का Exclusive Interview

कभी समाजवादी पार्टी का गढ़ कही जाने वाली कन्नौज लोकसभा सीट पर वर्तमान में भाजपा के सुब्रत पाठक का कब्जा है। 2019 के आम चुनाव में सुब्रत ने डिंपल यादव को हराकर सपा के इस मजबूत किले को ध्वस्त किया था। इस बार कन्नौज में मुकाबला काफी रोचक है क्योंकि एक बार फिर अखिलेश यादव इस सीट से मैदान में हैं। पढ़ें भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक का Exclusive Interview...

By amit kuswaha Edited By: Abhishek Pandey Published: Thu, 02 May 2024 10:02 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 10:20 AM (IST)
'प्रतिशोध में अखिलेश लड़ रहे चुनाव, डिंपल को जनता ने हराया'; पढ़ें रहे सुब्रत पाठक का Exclusive Interview

जागरण संवाददाता, कन्नौज। (Kannauj Lok Sabha Election)  कभी सपा का गढ़ कही जाने वाली कन्नौज लोकसभा सीट पर भाजपा के सुब्रत पाठक का कब्जा है। वर्ष 2019 में उन्होंने डिंपल यादव को पराजित कर 21 साल बाद सपा का गढ़ ध्वस्त कर भगवा लहराया था। इस बार सुब्रत पाठक का मुकाबला सपा मुखिया अखिलेश यादव से है।

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सुब्रत का दावा है कि इस बार भी सीट पर भाजपा का कमल खिलेगा। अखिलेश यादव उनसे प्रतिशोध लेने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनकी पत्नी डिंपल यादव को कन्नौज की जनता ने हराया था। इस बार भी जनता अखिलेश को हराने का काम करेगी।

भाजपा लोकसभा चुनाव कार्यालय पर भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक से दैनिक जागरण के अमित कुशवाहा ने विशेष वार्ता के प्रस्तुत हैं कुछ अंश...

जनता आपको दोबारा क्यों अपना नेता चुने, आपने पांच साल में क्या कार्य किए?

सुब्रत पाठक ने जवाब में कहा- संसद में स्थानीय समस्याओं को रखा है। आलू किसानों, इत्र कारोबारियों के लिए योजनाएं शुरू की गई हैं। रेलवे स्टेशन कन्नौज और गुरसहायगंज हवाई अड्डा की तर्ज पर विकसित हो रहे हैं। दूरस्थ ट्रेनों का ठहराव शुरू कराया है। सांसद निधि से निशक्तजनों को उपकरण दिए हैं। लोगों को अहम योजनाओं का लाभ मिला है।

इस बार आप किन मुद्दों को लेकर जनता के सामने जा रहे हैं?

मेरा प्रमुख मुद्दा नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है।

विरोधी कह रहे हैं कि जनता आपसे नाराज है, क्योंकि पांच साल आप लोगों से दूर रहे हैं।

जो चुनाव लड़ने आ रहे हैं, वह 10 साल में 10 बार भी नहीं आए हैं। वह स्थानीय निवासी हैं हमेशा जनता के बीच रहे हैं। कोरोना काल में उन्होंने जनता की मदद और सेवा की है, अखिलेश यादव तो कोरोना काल में आए तक नहीं हैं। उन्होंने अपनी निधि से अस्पतालों में चिकित्सीय संसाधन और आक्सीजन प्लांट स्थापित कराए हैं।

किस पार्टी या प्रत्याशी को चुनौती मानते हैं?

उनके सामने कोई चुनौती नहीं है। कोई दूसरा प्रत्याशी मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनाएगा। कमल का बटन दबाने से ही वह प्रधानमंत्री बनेंगे।

संसदीय क्षेत्र में आप कौन सी बड़ी समस्याएं देखते हैं। कारण और निवारण क्या हैं और क्यों समस्या दूर नहीं हो पाई है?

कन्नौज में आलू किसानों की आर्थिक हालत ठीक न होना एक बड़ी समस्या है। सरकार की ओर से समर्थन मूल्य जब से घोषित किया है तब से आलू फेंकना बंद हो गया है। कन्नौज से विदेशों में आलू निर्यात के लिए वायरस मुक्त आलू पैदावार शुरू कराने की योजना चलाई जा रही है। वैज्ञानिकों की टीमें खेतों में शोध कर रही हैं। यहां आलू आधारित कारखाना स्थापित होने से आलू किसानों को अच्छा भाव मिलने लगेगा। बड़ा प्रोजेक्ट होने से इस पर काम नहीं हुआ है। फिलहाल जल्द इस पर भी काम शुरू हो जाएगा।

लोधी समाज को लेकर आपने वोट खरीदने की बात कही है। इससे लोधी समाज आपसे नाराज है?

समाजवादी पार्टी ने ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य खरीदने की परंपरा शुरू की थी। वह इसी का उदाहरण दे रहे थे। हाल में जैसे तेलंगाना में अमित शाह का फेक वीडियो सामने आया है। इसी तरह उनके भी वीडियो को तोड़-मरोड़ कर प्रसारित किया गया है। यह बात लोधी समाज जान चुका है। इससे अब कोई नाराजगी नहीं है।

आपके क्षेत्र की पांच प्राथमिकताएं क्या हैं, इनके निस्तारण का रोडमैप क्या है

हमारे काम अधूरे रह गए हैं। जिन लोगों को पक्की छत नहीं मिली हैं। उन्हें लाभ दिलाना है। हर घर तक जल पहुंचाना है। 24 घंटे ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली देने के लिए केबल डाली जा रही है। ठठिया क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए बजट मंजूर हो गया है। तेज गति से कन्नौज का विकास कराने के लिए औद्योगिक से लेकर कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने की योजनाएं तैयार की गई हैं।

सुब्रत पाठक मूल रूप से शहर के पठकाना मुहल्ला निवासी हैं। इन्होंने 2009 में भाजपा से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद 2014 में भी चुनाव लड़ा। दोनों चुनाव में हार मिली। वर्ष 2019 में उन्होंने सपा प्रत्याशी डिंपल को पराजित कर जीत हासिल की। सुब्रत पाठक की शैक्षिक योग्यता बीए है। राजनीति के अलावा उनका इत्र कारोबार है। पत्नी नेहा पाठक गृहणी हैं। मौजूदा समय में सुब्रत पाठक के पास कुल पांच करोड़ 28 लाख 32 हजार की संपत्ति है।

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