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वोट बैंक के नाराज होने के डर से कांग्रेस और टीएमसी यूपीए शासन के दौरान आतंकी हमलों पर चुप रहीं, अमित शाह ने लगाए आरोप

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया। शाह ने कहा कि वे संप्रग शासन के दौरान देश में हुए आतंकवादी हमलों के दौरान चुप्पी साधे रहीं क्योंकि वे अपने वोट बैंक के नाराज होने से डरती थीं। उन्होंने दावा किया कि BJP-led NDA सरकार के 10 साल के कार्यकाल में आतंकवाद के प्रति ‘‘कठोर रुख’’ अपनाया गया है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Published: Mon, 06 May 2024 03:23 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2024 03:23 PM (IST)
अमित शाह ने कांग्रेस पर लगाए आरोप (फाइल फोटो)

पीटीआई, दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया। शाह ने कहा कि वे संप्रग शासन के दौरान देश में हुए आतंकवादी हमलों के दौरान चुप्पी साधे रहीं, क्योंकि वे "अपने वोट बैंक के नाराज होने से डरती थीं।"

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उन्होंने दावा किया कि BJP-led NDA सरकार के 10 साल के कार्यकाल में आतंकवाद के प्रति ‘‘कठोर रुख’’ अपनाया गया है और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया गया है, जबकि Congress-headed UPA सरकार, जिसमें तृणमूल कांग्रेस भी सहयोगी है, आतंकवाद के प्रति नरम रुख अपनाती रही है।

वह बर्धमान-दुर्गापुर निर्वाचन क्षेत्र के दुर्गापुर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।

शाह ने कहा, कांग्रेस और टीएमसी ने अपनी वोट बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस के शासनकाल (2004-2014 तक यूपीए शासन) के दौरान देश में आतंकी हमलों के दौरान एक शब्द भी नहीं कहा। टीएमसी उस समय कांग्रेस सरकार का हिस्सा थी। उन्हें डर था कि अगर वे आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाएंगे तो उनका वोट बैंक नाराज हो जाएगा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीमावर्ती राज्य में घुसपैठ की अनुमति देने का आरोप लगाते हुए शाह ने दोहराया कि वह अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल नहीं हुईं, क्योंकि वह अपने "घुसपैठिए वोट बैंक" को नाराज करने से डरती थीं।

उन्होंने कहा, ममता बनर्जी और टीएमसी को अपने वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए सीमावर्ती राज्य में घुसपैठ की अनुमति देने पर शर्म आनी चाहिए।

शाह ने कहा कि अभिषेक समारोह के लिए ममता दीदी और उनके भतीजे (अभिषेक बनर्जी) दोनों को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उन्होंने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें डर है कि घुसपैठिए, जो टीएमसी के वोट बैंक हैं, नाराज हो सकते हैं।

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