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Lok Sabha Election 2024: कहां करें मतदान? दुविधा में वोटर! दो राज्यों के विवाद में फंसे 21 गांव के निवासी

Lok Sabha Election 2024 जहां एक ओर देश नई सरकार के गठन के लिए वोटिंग कर रहा है वहीं दूसरी ओर कई गांव के निवासी इस दुविधा में फंसे हुए हैं कि वह किस राज्य में मतदान करें। दो राज्यों के बीच सीमा विवाद में फंसे इन गावों में मतदान कराना अधिकारियों के लिए भी चुनौतीपूर्ण होगा। जानिए क्यों पैदा हुई यहां पर यह समस्या।

By Sachin Pandey Edited By: Sachin Pandey Published: Mon, 06 May 2024 03:18 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2024 03:18 PM (IST)
Lok Sabha Election: कोटिया क्षेत्र के 21 गांव विवादित सीमा में शामिल हैं। (फोटो साभार - एएनआई)

एएनआई, कोरापुट। लोकसभा चुनाव के लिए दो दौर की मतदान संपन्न हो चुकी है और अब कल यानी 7 मई को तीसरे चरण का मतदान होना है। देशभर के मतदाता अपनी नई सरकार चुनने के लिए मतदान में भाग ले रहे हैं, लेकिन इन सब के बीच कुछ गावों की आबादी अजीब दुविधा में फंस गई है, जहां उन्हें यह नहीं पता कि उन्हें किस राज्य में मतदान करना है।

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दरअसल इन गांवों के लोग दो राज्यों के सीमा-विवाद के बीच फंसे हुए हैं। ये है आंध्र प्रदेश और ओडिशा की सीमा के बीच में बसा कोटिया क्षेत्र। यहां के 21 गांव विवादित सीमा में शामिल हैं, जिस पर दोनों राज्यों ने अधिकार जताया है। सुदूर पहाड़ियों में बसे इन गांवों की दूरी ओडिशा के कोरापुट से लगभग 50 किमी और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से 150 किमी है। भौगोलिक रूप से अलग-थलग ये गांव दोनों राज्यों के बीच चल रहे क्षेत्र विवाद के कंद्र में हैं।

चौथे चरण में होगा मतदान

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अब यहां के रहवासी इस बात को लेकर उलझन में है कि वह किस राज्य में मतदान करें। गौरतलब है कि ओडिशा और आंध्र प्रदेश, दोनों राज्यों में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है। कोरापुट विकास परिषद के सचिव सुनील कुमार बिस्वाल ने एएनआई से बातचीत में बताया कि कोटिया के आसपास के 21 गांवों को ऐतिहासिक रूप से 1936 के ओडिशा के हिस्से के रूप में मान्यता दी गई, जो कि भाषा-आधारित राज्यों के गठन के विचार के साथ मेल खाता था।

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आंध्र प्रदेश ने किया दावा

सुनील कुमार ने बताया कि प्रारंभ में राज्य की स्थापना के समय कोटिया को ओडिशा में एकीकृत किया गया था, लेकिन 1971 में उत्पन्न हुए एक विवाद में आंध्र प्रदेश ने कोटिया पर दावा किया, जिसके बाद इसे लेकर तनाव शुरू हो गया। ओडिशा के अधिकार क्षेत्र में होने के बावजूद, आंध्र प्रदेश ने कोटिया और उसके पड़ोसी गांवों को समान सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया है, यहां तक ​​कि शासन के विभिन्न स्तरों के लिए चुनाव भी कराए गए हैं।

आंध्र प्रदेश सरकार ने यहां के मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए भी कई कदम उठाए, जिससे मतदाताओं के लिए अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है। मतदानकर्मियों के लिए भी यह चुनौतीपूर्ण होगा कि वह यहां मतदान प्रक्रिया कैसे संपन्न कराते हैं।

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