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अतीत के आईने से: एक ऐसा नेता जिसकी इंदिरा गांधी से हो गई थी अनबन, ठुकरा दिया था मंत्री पद; एक साथ जीता था लोकसभा-विधानसभा का चुनाव

राजगढ़ जिले से सरोकार रखने वाले नरसिंहगढ़ रियासत के पूर्व महाराज भानू प्रकाश सिंह के नाम एक साथ निदर्लीय रूप से लोकसभा व विधानसभा का चुनाव जीतने का रिकॉर्ड कायम है।1967 में 600 किमी दूर सीधी से भी चुनाव जीतने का रिकॉर्ड उनके नाम रहा है। लेकिन प्रिवीपर्स को लेकर जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से ठनी तो बिना क्षण गंवाए मंत्रीमंडल से इस्तीफा देने में भी वह नहीं हिचकिचाए थे।

By Praveen Malviya Edited By: Jeet Kumar Published: Wed, 01 May 2024 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 01 May 2024 06:00 AM (IST)
भानू प्रकाश सिंह: एक ऐसा नेता जिसकी इंदिरा गांधी से हो गई थी अनबन, ठुकरा दिया था मंत्री पद

राजेश शर्मा, राजगढ। राजगढ़ जिले से सरोकार रखने वाले नरसिंहगढ़ रियासत के पूर्व महाराज भानू प्रकाश सिंह के नाम एक साथ निदर्लीय रूप से लोकसभा व विधानसभा का चुनाव जीतने का रिकॉर्ड कायम है। इतना ही नहीं इसके बाद 1967 में 600 किमी दूर सीधी से भी चुनाव जीतने का रिकॉर्ड उनके नाम रहा है। लेकिन प्रिवीपर्स को लेकर जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से ठनी तो बिना क्षण गंवाए मंत्रीमंडल से इस्तीफा देने में भी वह नहीं हिचकिचाए थे।

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राजगढ़ संसदीय क्षेत्र पहली बार 1962 में अस्तित्व में आया था। उस समय लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ होता था। जब चुनाव हुए तो नरसिंहगढ़ रियायत के पूर्व महाराज ने एक साथ दोनों चुनाव निर्दलय रूप से लड़े व वह जीतने में सफल हुए थे। 1966 में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।

जब 1967 का चुनाव आया तो कांग्रेस पार्टी ने उन्हें यहां से करीब 600 किमी दूर मप्र की अंतिम सीमा पर बसे सीधी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया था, वह जीतने में भी सफल रहे थे। इसके बाद इंदिरा गांधी मंत्री मंडल में उन्हें 1967 में ही औद्योगिक विकास और कंपनी मामलों का उपमंत्री बनाया था। 1970 में पैट्रोलियम मंत्री बनाया था।

प्रीवीपर्स को लेकर भानू प्रकाश सिंह का इस्तीफा

एक सितंबर 1970 को जब तत्कालीन केंद्र सरकार ने 24 वें संविधान संशोधन के जरिये राजा-महाराजाओं को मिलने वाली प्रिवीपर्स को समाप्त करने का निर्णय लिया तो विरोध स्वरूप आपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे का असर ऐसा हुआ कि उस समय के देश के सभी रियासतों के राजा-महाराजाओं और नवाबों ने उन्हें अपना अध्यक्ष चुन लिया था। इस्तीफे के बाद इंदिरा गांधी व अन्य नेताओं ने उन्हें समझाने का भी प्रयास किया लेकिन उन्होंने एक न मानी और अपने फैसले पर अडिग रहे थे।

एक साथ जीते थे लोकसभा-विधानसभा चुनाव

भानूप्रकाशसिंह राजगढ़ जिले के ऐसे एक मात्र नेता हैं जिनके नाम एक साथ लोकसभा व विधानसभा चुनाव जीतने का भी रिकार्ड कायम है। 1962 के चुनाव में जब विधानसभा-लोकसभा चुनाव हुए तो वह नरसिंहगढ़ से विधानसभा व राजगढ़ से लोकसभा लड़ने के लिए निर्दलीय मैदान में कूद गए थे। दोनों ही चुनाव जीतकर सदन भी पहुंचे। लेकिन छह माह के अंदर किसी एक पद से इस्तीफा देना होता है।

उधर रतलाम जिले की जावरा से मुख्यमंत्री रहते हुए कैलाश नाथ काटजू विधानसभा चुनाव हार गए थे। ऐसे में भानू प्रकाश सिंह ने विधानसभा सीट खाली की व काटजू को उपचुनाव लड़वाकर जितवाया, हालांकि बाद में वह मुख्यमंत्री बनने में सफल नहीं हो सके थे।


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