IMF ने पाकिस्तान को फिर दिवालिया होने से बचाया, कंगाल पड़ोसी की झोली में डाले 1.1 अरब डॉलर
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की आखिरी किस्त के तहत 1.1 अरब डॉलर के कर्ज को तत्काल जारी करने की मंजूरी दे दी है। इस रकम से पाकिस्तान को कुछ समय तक अपनी इकोनॉमी को चलाने में मदद मिलेगी। IMF बोर्ड के सभी सदस्यों ने बेलआउट पैकेज की आखिरी किस्त जारी करने का समर्थन किया। भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
बिजनेस न्यूज, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने एक बार फिर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को जीवनदान दिया है। उसने आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की आखिरी किस्त के तहत 1.1 अरब डॉलर के कर्ज को तत्काल जारी करने की मंजूरी दे दी है। इस रकम से पाकिस्तान कुछ समय तक अपना आटा-दाल का खर्च चला सकता है।
IMF बोर्ड के सभी सदस्यों ने बेलआउट पैकेज की आखिरी किस्त जारी करने का समर्थन किया। हालांकि, भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
कैसे पसीजा IMF का मन?
पिछले काफी समय से पाकिस्तान की पूरी मशीनरी IMF के सामने हाथ बांधे खड़ी थी। दरअसल, IMF का कहना था कि पाकिस्तान को पिछली बार जिन शर्तों के साथ लोन दिया गया था, उसने उसे पूरा नहीं किया। हालांकि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने IMF प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात की और पाकिस्तान की बदहाली का रोना रोकर मदद मांगी।
इससे IMF एक बार फिर पसीज गया और उसने पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचा लिया। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने भी IMF से कर्ज मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने पाकिस्तान की आर्थिक योजना के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया। लेकिन, इतना जरूर कहा कि इस पैकेज से पाकिस्तानी इकोनॉमी को बेहतर करने में मदद मिलेगी।
कर्ज के जाल में फंस चुका है पाक
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का स्पष्ट कहना है कि अगर पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था की हालत सुधारनी है, तो उसे बड़े कदम उठाने होंगे। उसे ठोस आर्थिक नीतियां बनानी होंगी, जिनका दूरगामी असर हो। पाकिस्तान भारी कर्ज के जाल में फंस गया है। इस साल उसे ब्याज समेत 30 अरब डॉलर की किस्त जमा करनी है। साथ ही, उसे अपना कामकाज चलाने के लिए 40 अरब डॉलर की जरूरत भी है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने आर्थिक नाकामी के मामले पर अपनी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था सभी क्षेत्रों में काफी बुरा प्रदर्शन कर रही है। इकोनॉमी के सभी इंडिकेटर नेगेटिव थे और IMF से एक और बेलआउट पैकेज मांगना सरकार की नाकामी को दिखाता है।
(एजेंसी से इनपुट के साथ)
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