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कम नहीं हो रहा भू-राजनीतिक तनाव, जानें भारत के निर्यात पर क्या होगा असर

दुनियाभर में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव का असर मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के निर्यात पर पड़ सकता है। यह आशंका फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO या फियो) ने जताई है। फियो का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण उत्पन्न वैश्विक अनिश्चितताओं ने 2023-24 में भारत के निर्यात को प्रभावित किया है। आइए जानते हैं पूरी खबर।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Published: Mon, 29 Apr 2024 07:21 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 07:21 PM (IST)
उच्च मुद्रास्फीति और उच्च ब्याज दरें भी मांग में मंदी की प्रमुख वजह हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। दुनियाभर में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव का असर मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के निर्यात पर पड़ सकता है। यह आशंका फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO या फियो) ने जताई है।

निर्यातकों के संगठन फियो का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण उत्पन्न वैश्विक अनिश्चितताओं ने 2023-24 में भारत के निर्यात को प्रभावित किया है। यह 3.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 437 अरब डॉलर पर आ गया है। आयात भी आठ प्रतिशत से अधिक घटकर 677.24 अरब डॉलर रह गया है।

फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, 'अगर वैश्विक स्थिति ऐसी ही बनी रही तो इसका असर वैश्विक मांग पर दिखाई पड़ेगा। पहली तिमाही में मांग में सुस्ती दिख सकती है।' उन्होंने कहा, 'तमाम चुनौतियों के बावजूद माल ढुलाई की दरों में नरमी आ रही है और यह संकेत देता है कि आने वाले समय में मांग पर असर पड़ सकता है। अगर मौजूदा स्थिति कायम रहती है तो विश्व व्यापार पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।'

उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में और अधिक मंदी

अजय सहाय का कहना है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के अलावा उच्च मुद्रास्फीति और उच्च ब्याज दरें भी मांग में मंदी की प्रमुख वजह हैं। यूरोप जैसी कुछ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में और अधिक मंदी देखी जा सकती है।'

उन्होंने यह भी कहा कि 2023-24 के दौरान भारत की घरेलू मुद्रा में चीनी युआन के 4.8 प्रतिशत के मुकाबले 1.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। वहीं रुपये के मुकाबले थाइलैंड की मुद्रा में 6.3 प्रतिशत और मलेशिया की करेंसी में सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

जब फियो के महानिदेशक से इजरायल-ईरान युद्ध के प्रभाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग क्षेत्र के कुछ निर्यातकों ने बताया है कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और फिर ईरान जाने वाले सामानों की मांग पहले से कम हो गई है।

सरकार से निर्यातकों के मदद की अपील

फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने सरकार को नकदी के मोर्चे पर निर्यातकों के लिए कुछ कदम उठाने का भी सुझाव दिया। सहाय ने कहा, 'मांग में कमी के कारण, उसका उठाव कम होगा, इसलिए विदेशी खरीदारों को भुगतान करने में भी लंबा समय लगेगा। ऐसे में हमें लंबी अवधि के लिए धन की जरूरत होगी।'

सहाय ने निर्यातकों को भी ब्याज सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने ब्याज समानीकरण योजना को आगे भी जारी रखने की मांग की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठ दिसंबर, 2023 को इस योजना को 30 जून तक जारी रखने के लिए 2,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन की मंजूरी दी थी।

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