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पाक मानवाधिकार कार्यकर्ता के मुंह से सुनिए इमरान, कश्‍मीर और आतंकवाद का सच

कराची के पूर्व मेयर और पाकिस्‍तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता आरिफ अजाकिया कश्‍मीर पर पीएम मोदी की नीतियों की तारीफ करते हैं। आगे पढ़ें इमरान पर उनकी बेबाक राय।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 04:43 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 09:07 AM (IST)
पाक मानवाधिकार कार्यकर्ता के मुंह से सुनिए इमरान, कश्‍मीर और आतंकवाद का सच
पाक मानवाधिकार कार्यकर्ता के मुंह से सुनिए इमरान, कश्‍मीर और आतंकवाद का सच

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। कराची के पूर्व मेयर आरिफ अजाकिया (Arif Ajakia, Ex Mayor Karachi) इन दिनों सोशल मीडिया पर जबरदस्‍त चर्चा का विषय बने हुए हैं। सोशल मीडिया और यूट्यूब पर मौजूद उनके वीडियो काफी देखे जा रहे हैं। खासतौर पर भारतीय उनके वीडियो काफी पसंद कर रहे हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर मौजूद उनके वीडियोज में पाकिस्‍तान प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan Prime Minister Imran Khan) को आईना दिखाने की कोशिश की गई है। वहीं, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और उनके काम की तारीफ की गई है। इतना ही नहीं, उन्‍होंने राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) की भी तारीफ की है। उन्‍होंने दशहरे पर ट्वीट कर सभी को विजयदशमी की शुभकामनाएं भी दी थीं। अपने एक वीडियो में उन्‍होंने आर्मी के उस शख्‍स के नाम का भी खुलासा किया, जिसकी वजह से आज इमरान खान प्रधानमंत्री पद है। यह नाम जनरल फैज हामिद का है। कुछ माह पहले ही इमरान खान ने उन्हें आईएसआई का डायरेक्‍टर जनरल (Director General ISI) बनाकर उनके काम का इनाम भी दिया था। इमरान खान को प्रधानमंत्री बनवाने में इस शख्‍स की अहम भूमिका रही है।  

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पीएम बनने की राह में है आईएसआई 

उनका कहना है कि पाकिस्‍तान में आईएसआई एक सियासी जमात है जहां से प्रधानमंत्री बनने की राह गुजरती है। उन्‍होंने अपने वीडियो में आईएसआई और भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (Indian Spy Agency RAW) की तुलना करते हुए यहां तक कहा है कि आईएसआई को मिलने और खर्च होने वाले फंड की कोई जानकारी किसी को नहीं होती है। न ही इसकी जानकारी लेने की कोई हिम्‍मत जुटा सकता है। इसकी जवाबदेही किसी को नहीं है। यह सियासी फायदे के लिए बेगुनाहों को हाथों में हथियार देकर उन्‍हें आतंकी बनाती है, फिर अमेरिका से उनके नाम पर डॉलर लेती है और उन्‍हें अमेरिका को सौंप देती है। अफगान युद्ध में भी यही हुआ और अब भी यही होता है। वहीं, रॉ की बात करें तो ये न तो किसी सियासत के लिए काम करती है और इसकी जवाबदेही वहां की सरकार और सेना के लिए होती है। रॉ अपने या सियासत के फायदे के लिए काम नहीं करती है जो आईएसआई करती है।   

ओझड़ी कैंप वाकया 

एक वीडियो में उन्‍होंने रावलपिंडी में हुए ओझड़ी कैंप वाकये का भी जिक्र किया है। उनके मुताबिक, यहां पर पाकिस्‍तान ने चोरी किए गए अमेरिकी हथियारों को रखा था। अमेरिका को जब इसका पता चला तो उसने 1987 में इस कैंप में आग लगवा कर इसको तबाह करवा दिया। इस हादसे में करीब 300 लोग मारे गए थे जिनमें से एक पाकिस्‍तान के पूर्व पीएम शाहिद खक्‍कान अब्‍बासी के पिता भी थे, जो पूर्व सिनेटर भी रह चुके थे। आईएसआई को पाकिस्‍तान में नंबर वन सियासी जमात का दर्जा हासिल है। एमक्‍यूएम के एक सिनेटर ने इसका जिक्र यूरोपीय पार्लियामेंट में भी किया था।   

भारत की सराहना

उन्‍होंने अपने वीडियो में भारत के धर्मनिरपेक्ष राष्‍ट्र होने का सराहा है जबकि पाकिस्‍तान को कट्टरपंथी इस्‍लामी राष्‍ट्र की छवि को लेकर कोसा भी है। उनका कहना है कि भारत में जो अल्‍पसंख्‍यक हैं उन्‍हें वहां पर बराबरी का हक मिला हुआ है, जबकि पाकिस्‍तान में गैर-मुस्लिमों को कोई हक नहीं है। इतना ही नहीं, उन्‍होंने यहां तक कहा है कि पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों को कई तरह की ज्‍यादतियों से दो-चार होना पड़ता है। पाक सेना और सरकार की सरपरस्‍ती में अल्‍पसंख्‍यकों की महिलाओं और बच्चियों से बदसलूकी की जाती है और उनकी बाद में हत्‍या तक कर दी जाती है।

एक बार गिरेबान में झांके इमरान

इसमें उन्‍होंने कहा है कि जो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गलत ठहराने की कोशिश में लगे हैं उन्‍हें एक बार अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए। भारत में जितने हक वहां के अल्‍पसंख्‍यकों को दिए गए हैं इतने तो पाकिस्‍तान में सोचे भी नहीं जा सकते हैं। वहीं, मोदी के राज में हिंदुओं को फिर से सिर उठाकर जीने का मौका मिला है। उनके मुताबिक, मॉब लिंचिंग की कुछ घटनाओं को न तो भारत सरकार सही बताती है और न ही इसको सभ्‍य समाज में कोई भी सही ठहरा सकता है। इस तरह की घटनाओं से भारत सरकार को गलत नहीं ठहराया जा सकता है।   

90 फीसद पाकिस्‍तानी जाहिल

आरिफ का कहना है कि पाकिस्‍ताान के प्रधानमंत्री दुनियाभर में घूम-घूम कर भारत की बु‍राइयां कर रहे हैं, लेकिन उन्‍हें जरा इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि बलूचिस्‍तान के संसाधनों पर कब्‍जे की कोशिश में ये लोग वहां के लोगों का कत्‍लेआम कर रहे हैं। यह उसी सोच पर चल रहे है जो कभी पूर्वी पाकिस्‍तान और आज के बांग्‍लादेश में टिक्का खान की थी। टिक्‍का खान का कहना था कि उन्‍हें जमीन चाहिए, बंगाली नहीं। टिक्‍का के राज में हजारों बांग्‍लादेशियों को मौत के घाट उतारा गया। उनका कहना है कि भारत की बदौलत आज बांग्‍लादेश तरक्‍की की राह पर है। उनकी करेंसी हमसे बेहतर है। उनका स्‍पोर्ट हमसे बेहतर हालत में है। उनकी क्रिकेट टीम हमसे बेहतर है। हालांकि, जब तक वहां पर पाकिस्‍तान आर्मी थी तब तक वो एक पिछड़ा मुल्‍क था, जहां से पैसा बटोरकर पाकिस्‍तान के पंजाब में लाया जाता था। उनके मुताबिक, पाक आर्मी ने बांग्‍लादेशियों को रोटी-रोटी के लिए मोहताज कर दिया था। उन्‍‍होंने एक वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वो बलूचिस्‍तान के लोगों के लिए भी नीति बनाएं। उन्‍होंने यहां तक कहा कि पाकिस्‍तान में 90 फीसद लोग जाहिल हैं जो बिना सोचे-समझे ही मौलवियों की बातों पर वाह-वाह करते हैं। 

पाकिस्‍तान आर्मी का मुनाफा 

पाकिस्‍तान की पोल खोलते हुए उन्‍होंने कहा है कि कराची जैसे शहर में पानी माफिया जबरदस्‍त फल-फूल रहा है। पाइपलाइन के जरिए यदि पानी दिया जाएगा तो मुनाफा कम होगा इसके लिए पानी की सप्‍लाई टैंकरों से की जा रही है। कराची के हर कमर्शियल काम में आर्मी का बाकायदा हिस्‍सा है। उनके मुताबिक, पाकिस्‍तान में सिर्फ कराची ही नहीं हर छोटी और बड़ी जगहों का हाल यही है। आरिफ अजाकिया का कहना है कि उनपर भारत समर्थक होने या गद्दार होने का ठप्‍पा लग चुका है, लिहाजा उन्‍हें अब कोई खौफ नहीं रहा है। आपको बता दें कि आरिफ पाकिस्‍तान में मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। उन्‍होंने आईएसआई की पोल खोलते हुए यहां तक कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के विभिन्‍न सम्‍मलेनों में जो भारत की बुराई करने के नाम पर कश्‍मीर से संगठन आते हैं वह आईएसआई के दिखावे और इशारे पर जाते हैं, जबकि उन दो-चार कश्‍मीरियों के पीछे जो भीड़ भारत के खिलाफ नारेबाजी करती दिखाई देती है वो पाकिस्‍तान में रहने वालों की होती है, जिन्‍हें पैसा देकर वहां इस काम के लिए ही भेजा जाता है। भारत और पाकिस्‍तान का सबसे बड़ा फर्क भी यहीं पर समझ में आता है। जो लोग भारत के खिलाफ बोलते हैं वो वापस भारत ही चले जाते हैं और मजे से रहते हैं। उनके साथ कोई बदसलूकी नहीं होती। वहीं यदि ऐसा कोई पाकिस्‍तानी कर दे तो वह अपने मुल्‍क वापस जाने के बारे में सोच भी नहीं सकता है। दोनों मुल्‍कों के दरमियान ये एक बुनियादी फर्क है।     

हिंदुओं का धर्म परिवर्तन

उनके मुताबिक, पाकिस्‍तान में हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मपरिवर्तन कर उनकी शादी कराई जाती है। पुलिस भी पीड़ितों की मदद के लिए आगे नहीं आती है। उनका कहना है कि पाकिस्‍तान में मौलवियों से पंगा लेना काफी महंगा सौदा साबित होता है। उनके मुताबिक, पाकिस्‍तान में सबसे निचले स्‍तर की नौकरियों के लिए, जिसमें सफाईकर्मी शामिल हैं सिर्फ गैर-मुस्लिमों के लिए ही तय है। यहां पर अल्‍पसंख्‍यकों को लेकर गहरी और चौड़ी खाई है। उनके मुताबिक, पाकिस्‍तान में कई जगहों पर कादयानियों या अहमदियों का आना तक मना है। उनके साथ कारोबार करने की मनाही है। 

    

पख्‍तूनों को गलती का अहसास 

उनके मुताबिक, भारत में 2014 में पीएम मोदी के सत्‍ता में आने के बाद पख्‍तूनों को इस बात का अहसास हुआ कि पाकिस्‍तान ने 1945 से आज तक उन्‍हें केवल अपने हक में इस्‍तेमाल किया है। वहीं, अब अफगानिस्‍तान में पख्‍तूनों का हुलिया बदल गया है। वहां पर अब लोग क्रिकेट खेलते हैं, दुनिया उनको रिकॉग्नाइज करती है। यह सब कुछ पीएम मोदी के आने के बाद हुआ है। इससे न सिर्फ दुनिया में भारत की छवि बदली है, बल्कि दूसरे देशों को भी सुधार की तरफ लेकर गए हैं।

खोली पाकिस्‍तान की पोल

आतंकवाद पर पाकिस्‍तान की पोल खोलते हुए आरिफ ने यहां तक कहा है कि दुनिया में कहीं भी आतंकी वारदात होगी तो उसका जुड़ाव पाकिस्‍तान से जरूर होगा। इसकी वजह है कि आतंकियों के लिए पाकिस्‍तान पीएचडी करने की एक मात्र जगह है। यहां पर उन्‍हें हर तरह की सहूलियत दी जाती है। न्‍यूजीलैंड की मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ते मुस्लिमों को मारने वाला भी पाकिस्‍तान होकर गया था। उनके मुताबिक, पाकिस्‍तान के किसी भी मदरसे से इस्‍लामिक आतंकवाद की शिक्षा आसानी से ली जा सकती है। पाकिस्‍तान के सभी मदरसे आईएसआई की निगरानी में यह काम करते हैं। उनके मुताबिक, पूर्व में लंदन, न्‍यूजीलैंड ही नहीं दुनिया में कहीं भी आतंकी घटना होती है तो उसके तार कहीं न कहीं पाकिस्‍तान से जुड़ते ही हैं।   

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