Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानें कौन है जुजाना जिसने रचा स्‍लोवाकिया में इतिहास, वकील से राष्‍ट्रपति बनने की कहानी

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 01 Apr 2019 10:56 AM (IST)

    इस खूबसूरत महिला ने इतिहास रच दिया है। वकील के तौर पर पहले इस महिला ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और फिर देश के सर्वोचच पद पर पहुंचने में भी कामया ...और पढ़ें

    Hero Image
    जानें कौन है जुजाना जिसने रचा स्‍लोवाकिया में इतिहास, वकील से राष्‍ट्रपति बनने की कहानी

    नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। जुजाना केप्‍यूटोवा, पिछले दो दिनों से हर जगह सुर्खियों में हैं। इसके पीछे वजह बेहद खास है। दरअसल, जुजाना स्‍लोवाकिया की पहली महिला राष्‍ट्रपति या यूं कहिए कि पहली हैड ऑफ द स्‍टेट हैं। इसके साथ ही वह दुनिया भर की उन पहली महिला प्रधानमंत्री या राष्‍ट्रपतियों की सूची में शामिल हो गई हैं जिनमें इससे पहले भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पाकिस्‍तान की बेनेजीर भुट्टो, ब्रिटेन की मार्गरेट थैचर, श्रीलंका की सिरिमावो भंडारनायके, बांग्‍लादेश की खालिदा जिया समेत कई अन्‍य नाम शामिल हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि इसाबेल पेरोन पहली ऐसी महिला थीं जो किसी देश की राष्‍ट्रपति बनीं थीं। 1974-76 तक वह अर्जेंटीना की 43वीं राष्‍ट्रपति थीं। इसी तरह से एशिया की बात करें तो पहली बार मारिया कोरिजोन फिलीपींस की 11वीं राष्‍ट्रपति बनीं थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बहरहाल, जुजाना ने अपनी जीत के लिए अपने देशवासियों के साथ हंगरी, चेक, रोमा और रुथियान के लोगों को भी बधाई दी है। आपको बता दें कि जुजाना अपने यहां पर एरिन ब्रोकोविच के नाम से भी जानी जाती है। 45 वर्षीय जुजाना एक लिबरल लॉयर भी हैं। चुनाव के परिणाम आने के बाद जुजाना ने अपनी पहली स्‍पीच में कहा कि वह इस जीत से काफी खुश हैं और यहां तक का सफर काफी मुश्किलों भरा था। हाल के चुनाव में उन्‍हें करीब 59 फीसद मत हासिल हुए हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंदी सेफकोविक को करीब 52 फीसद मत हासिल हुए। उन्‍होंने अपनी हार स्‍वीकार करते हुए केप्‍यूटोवा को जीत की बधाई दी है।

    जुजाना का नाम स्‍लोवाकिया में पहली बार एंटी करप्‍शन कैंपेनर के तौर पर सामने आया था। उन्‍होंने यह कैंपेन अपने ही देश के एक पत्रकार की जघन्‍य हत्‍या के बाद शुरू की थी। पत्रकार जेन कुसियाक और उसकी महिला मित्र की हत्‍या पिछले वर्ष जनवरी में हुई थी। इसके बाद जुजाना ने इस हत्‍या के दोषियों को सजा दिलाने के लिए देशभर में कैंपेन शुरू की थी। इसमें उन्‍हें कामयाबी भी मिली और इस हत्‍या के दोषी और वहां के स्‍थानीय बिजनेसमैन को न सिर्फ गिरफ्तार किया गया,बल्कि दोषी भी करार दिया गया। इस पूरे मामले और जुजाना के कैंपेन की बदौलत वहां के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको को अपने पद से इस्‍तीफा तक देना पड़ा था। यदि बात करें जुजाना के राजनीतिक सफर की तो वह पुराना नहीं है।

     

    पत्रकार की हत्‍या के दोषी को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए चलाई गई इस कैंपेन के दौरान ही जुजाना का मन राजनीति में आने और सर्वोच्‍च पद पर पहुंचने का हुआ था। वहीं, इस पूरी लड़ाई में उनके देश के लोगों ने भी उनका पूरा साथ दिया। पिछले माह न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स को दिए एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा था कि देशवासी भ्रष्‍टाचार से दुखी हैं और वह बदलाव चाहते हैं। आपको बता दें कि केप्‍यूटोवा तलाकशुदा महिला हैं और उनके दो बच्‍चे हैं। यहां पर आपको बता दें कि स्‍लोवाकिया में समलैंगिकता कानून वैध है। केप्‍यूटोवा खुद एलजीटीबी समुदाय से जुड़े लोगों के अधिकारों को लेकर वहां काफी सुर्खियां बटोर चुकी हैं।

    राजनीति के सफर पर निकलने से पहले उन्‍होंने अदालतों में कई बड़ी जंग जीती हैं। पर्यावरण से जुड़े एक मामले में उन्‍होंने एक दशक से ज्‍यादा लंबा मामला अदालत में लड़ा और जीती। दरअसल, जिस बिजनेसमैन के खिलाफ उन्‍होंने यह जंग जीती थी उसने एक लैंडफिल साइट पर कब्‍जा कर वहां पर रिहायशी कॉलोनी बसा दी थी। इसके खिलाफ जुजाना ने अपनी जंग शुरू की थी। इसी तरह का किरदार हॉलीवुड अदाकारा जुलिया रॉबर्ट ने भी एक फिल्‍म में निभाया था। इस मामले में जीत मिलने के बाद वह अपने देश में स्‍लोवाकिया की एरिन ब्रोकोविच के नाम से भी पहचान में आई। जुलिया का उस फिल्‍म में यही नाम था।

    आप भी जानें आखिर क्‍यों खास है इसरो का मिशन PSLV-45 और कैसे हुआ पूरा
    मसूद पर चीन का साथ पाने के लिए भारत को चुकानी होगी कीमत, नहीं तो अधूरा रहेगा सपना!
    भारत की Anti Satellite की सफलता पर आप भी देखें कैसे बौखलाया है चीन!
    13 हजार करोड़ की लागत से बना ये है मौत का ‘एक्‍सप्रेस वे’, यहां कम नहीं होते हादसे