कोरोना वायरस के बचाव में प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स की कमी बन सकती है घातक: WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक COVID-19 (कोरोना वायरस) अब तक दुनिया के 73 देशों में फैल चुका है। संगठन ने इसके बचाव के लिए कुछ जरूरी चीजों की आपूर्ति 47 देशों में की है।
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने दुनिया को चेताया है कि कोरोना से निपट रहे स्वास्थ्यकर्ताओं के लिए जल्द ही प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स की सप्लाई को बढ़ाना होगा। यदि ऐसा न हुआ तो समस्या खड़ी हो सकती है। डब्ल्यूएचओ की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में स्वास्थ्यकर्मियों के बचाव की चीजों में कमी पर गहरी चिंता जताई गई है। इस पर संगठन ने इंडस्ट्री और सरकारों को विश्व में बढ़ती मांग के मुताबिक प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स की मैन्यूफैक्चरिंग को 40 फीसद तक बढ़ाने की अपील की है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की 3 मार्च को जारी रिपोर्ट के मुताबिक चीन के अलावा 72 देशों में कोरोना वायरस फैला हुआ है।
कोरोना के बढ़ते प्रकोप और प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स की कमी को देखते हुए संगठन ने दुनिया के 47 देशों में इनकी सप्लाई की है। इसमें मास्क, दस्ताने गूगल्स, फेस शील्ड, गाउन और एप्रेन शामिल हैं। जिन देशों में इन चीजों की सप्लाई की गई है उसमें से ज्यादातर अफ्रीका के हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान,, ईरान, पाकिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, नेपाल भी शामिल हैं।
डब्ल्यूएचओ ने ये भी कहा है कि कोरोना को लेकर पूरी दुनिया के लोगों में दहशत व्याप्त है। इसकी वजह से भी दिक्कत बढ़ रही है। कुछ जगहों पर जरूरी चीजों के अभाव में खुद स्वास्थ्यकर्मी ही कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं।
संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टेडरॉस अधनोम घेबरेसस ने ये भी कहा है कि कोरोना को देखते हुए सरकारों को तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। सरकारों को चाहिए कि इसको लेकर फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए होर्डिंग लगाए जाने चाहिए। लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी अपने स्वास्थ्यकर्मियों को बचाकर रखने की है। कोरोना वायरस के सामने आने के बाद से एन95 मास्क समेत प्रोटेक्टिव गाउन की मांग दोगुना हो गई है।
संगठन ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि मांग के मुताबिक प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स की सप्लाई करने में एक महीने तक का समय लग सकता है। संगठन के मुताबिक COVID-19 के प्रकोप को देखते हुए हर माह लगभग 9 करोड़ मेडिकल मास्क की जरूरत है। इसके अलावा करीब आठ करोड़ दस्ताने और करीब दो करोड़ गूगल्स की भी जरूरत होगी।
संगठन ने जिन 73 देशों में इस वायरस के मरीज होने की पुष्टि की है उसमें भारत भी एक है। आपको बता कि भारत में अब तक कोरोना वायरस से जुड़े 28 मामले सामने आए हैं। इनमें से तीन जो केरल के थे वो ठीक हो चुके हैं। इस तरह से वर्तमान में कोरोना के 25 मामले हैं। इनमें 1 दिल्ली, 6 आगरा, 16 इटली नागरिक और 1 इनका ड्राइवर, 1 तेलंगाना और 3 केरल के मामले शामिल हैं। गौरतलब है कि चीन के वुहान से फैले इस वायरस के संक्रमण की चपेट में आकर अब तक पूरे विश्व में 3000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 90 हजार से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं।
इन देशों में की है डब्ल्यूएचओ ने प्रोटेक्टिव इक्यूमेंट्स की सप्लाई
कंबोडिया, फिजी, किरीबाती, लाओ पिपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मंगोलिया, नोरू, पापुआ न्यूगिनी, समोआ, सोलोमान द्वीप, टोंगा, वेनाटू, फिलीपींस, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, तिमूर-लेस्ते, अफगानिस्तान, जिबूती, लेबनान, सोमालिया, पाकिस्तान, सूडान, जोर्डन, मोरक्को, ईरान, सेनेगल, अल्जीरिया, इथियोपिया, टोगो, आइवरी कॉस्ट, मॉरीशस, नाइजीरिया, यूगांडा, तंजानिया, अंगोला, घाना, केन्या, जांबिया, इक्यूटॉरियल गुएना, गांबिया, मेडागास्कर, मॉरिशनिया, मोजांबिक, सिशेल्स और जिंबाव्बे शामिल हैं।
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