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चीनी धरती से अमेरिका ने की 'इंडो-पैसिफिक' की पैरोकारी

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार 'इंडो-पैसिफिक' का सिद्धांत का पुरजोर बचाव किया है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Thu, 09 Nov 2017 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 09 Nov 2017 09:01 AM (IST)
चीनी धरती से अमेरिका ने की  'इंडो-पैसिफिक' की पैरोकारी
चीनी धरती से अमेरिका ने की 'इंडो-पैसिफिक' की पैरोकारी

बीजिंग (पीटीआई)। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एचआर मैकमास्टर चीनी धरती से 'इंडो-पैसिफिक' (हिंद और प्रशांत महासागर) सिद्धांत की पैरोकारी की है। उन्होंने इसे रचनात्मक बताया है। मैकमास्टर ने चीन को इस्लामिक स्टेट और तालिबान के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में शामिल होने का भी दबाव डाला। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहली चीन यात्रा के दौरान आया है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ ट्रंप की मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार समेत कई रणनीतिक मसलों पर वार्ता की उम्मीद है।

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मैकमास्टर ने सरकारी टीवी चैनल चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) को दिए साक्षात्कार में 'इंडो-पैसिफिक' का पुरजोर बचाव किया। अमेरिका कुछ महीनों से एशिया-पैसिफिक के बजाय इंडो-पैसिफिक का प्रयोग कर रहा है। मैकमास्टर ने कहा, 'भौगोलिक स्थिति को देखने पर पता चलता है कि समुद्री मार्ग पूर्व से पश्चिम की ओर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से होकर गुजरता है। आर्थिक रूप से यह क्षेत्र दिन-प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा एकीकृत होता जा रहा है। ऐसे में इसे क्षेत्रीय दृष्टिकोण से देखना चाहिए।

राष्ट्रपति ट्रंप इस यात्रा के दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। ऐसे में इसका इस्तेमाल बेहद उपयोगी और रचनात्मक है।' इससे पहले जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबी और ट्रंप के बीच रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को मुक्त क्षेत्र के तौर पर विकसित करने पर सहमति बनने की बात कही गई थी। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 5 नवंबर को टोक्यो में बताया था कि अमेरिका का भारत के साथ बेहद मजबूत संबंध हैं। दोनों देश लगातार नजदीक आ रहे हैं। ऐसे में इंडो-पैसिफिक भारत के उदय के महत्व को दिखाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह चीन को नियंत्रित करने की रणनीति नहीं है।

आइएस और तालिबान के खिलाफ अभियान में शामिल हो चीन

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने आइएस और तालिबान के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में चीन के शामिल होने की बात भी कही। बकौल मैकमास्टर, उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने में अमेरिका और दुनिया की मदद करने के अलावा बीजिंग को वैश्विक आतंकी नेटवर्क से मुकाबला करने में भी सहयोग करना चाहिए। आइएस को इराक और सीरिया से जल्द ही खदेड़ दिया जाएगा। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ प्रभावी अभियान चलाने की जरूरत बताई। मैकमास्टर ने चीन के साथ खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान और आतंकियों को धन मुहैया कराने वाले नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई को और दुरुस्त करने की बात कही है।

नौ अरब डॉलर का करार

चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग ने ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप का शाही अंदाज में स्वागत किया। दोनों देशों के बीच नौ अरब डॉलर (58.42 हजार करोड़) का करार हुआ। ट्रंप के प्रतिनिधिमंडल में बोइंग, गोल्डमैन सैक्श, वेस्टिंगहाउस इलेक्टि्रक और क्वालकोम जैसी दिग्गज कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

 बीजिंग की हवा को किया साफ

ट्रंप के विमान एयरफोर्स वन के लैंड करने से पहले बीजिंग धुंध से जूझ रहा था। चीन के पर्यावरण विभाग ने कृत्रिम तरीके से देश की राजधानी की आबो-हवा को साफ किया, ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति स्वच्छ हवा में सांस ले सकें। इससे पहले, वायु प्रदूषण को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था। इसका मतलब यह हुआ कि वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब थी।

शी ने ट्रंप की नातिन को दिया 'ए प्लस'

चीनी राष्ट्रपति ट्रंप की नातिन अराबेला के मंडारिन ज्ञान से बेहद प्रभावित हुए। ट्रंप ने टैब पर चिनफिंग को एक वीडियो दिखाया जिसमें अराबेला मंडारिन में गा रही थी। इससे प्रभावित शी ने कहा कि अराबेला को ए प्लस ग्रेड मिल सकता है।

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