Martin Luthar King Junior के सामने उनका दोस्त करता रहा महिला से जबरदस्ती, वो रहे चुप!
अमेरिका में रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाने वाले मार्टिन लूथर किंग जूनियर का 45 महिलाओं से अफेयर था। इतना ही नहीं वह एक महिला से हो रही जबरदस्ती पर भी खाम ...और पढ़ें

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। मार्टिन लूथर किंग जूनियर की पहचान अमेरिका में रंगभेद और वर्गभेद के खिलाफ चलाए गए आंदोलनकारी के रूप में होती है। उन्हें अमेरिका का गांधी भी कहा जाता है। अमेरिका में सामाजिक अधिकारों के संघर्ष के कारण 1950 और 60 के दशक में मार्टिन बेहद लोकप्रिय हुए थे। विश्व के बड़े नेताओं में उनकी गिनती आज भी होती है। लेकिन उनके बारे में अब तो जानकारी निकलकर सामने आई है वो बेहद चौकाने वाली है। यह खुलासा मार्टिन लूथर किंग जूनियर की बायाेग्राफी लिखने वाले डेविड गैरो ने किया है। उनके मुताबिक एफबीआई ने मार्टिन की गतिविधियों पर करीब 12 साल तक नजर रखी थी। दरअसल, एफबीआई के इंटेलिजेंस चीफ जे एडगर हूवर को शक था कि मार्टिन कम्युनिस्ट पार्टियों के साथ संपर्क में हैं।
इस किताब में डेविड ने एफबीआई फाइल्स में दर्ज कई सबूतों का भी जिक्र किया है। इसमें कहा गया है कि कम्यूनिस्ट पार्टी से संबंध रखने के शक में मार्टिन के वर्षों तक कई फोन टेप किए गए थे। इसमें यह जानकारी सामने आई कि मार्टिन के करीब 45 महिलाओं से अफेयर थे। इतना ही नहीं किताब में मार्टिन के दोस्त लोगन केआरजे का भी जिक्र है जिसने विलार्ड होटल में एक महिला के साथ दुष्कर्म किया था। इसमें कहा गया है कि लोगन द्वारा महिला से की गई जबरदस्ती को वहां मौजूद मार्टिन देख रहे थे, लेकिन उन्होंने इसका विरोध नहीं किया। लोगन का 1991 में निधन हो गया था।
इतना ही नहीं वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के पास विलार्ड होटल के रिकॉर्डिंग में दिखाया गया है कि कैसे किंग कई महिला पारिश्रमिकियों के साथ वहां पहुंचे। फाइलों का दावा है कि उनके होटल के कमरे में, उन्होंने चर्चा की कि पारिश्रमिकों में से कौन सी महिलाएं प्राकृतिक और अप्राकृतिक यौन क्रियाओं के लिए सही होंगी। इस दौरान एफबीआई एजेंट दूसरे कमरे में थे, लेकिन उन्होंने हस्तक्षेप नहीं किया।
डेविड ने इस बायोग्राफी में मार्टिन के कुछ ऐसे राज की तरफ भी इशारा किया है जो उनके मुताबिक 2027 तक सामने नहीं लाए जा सकते हैं। हालांकि इसके पीछे उन्होंने कोई वजह नहीं बताई है। डेविड की मानें तो मार्टिन ने अपने जीवन का लंबा समय एफबीआई की जद में बिताया था। 4 अप्रैल 1968 को मार्टिन की हत्या कर दी गई थी। जिस वक्त मार्टिन की हत्या की गई थी उनकी उम्र महज 39 साल ही थी। डेविड ने इस किताब में लिखा है कि इंटेलिजेंस चीफ हूवर का मानना था कि सामाजिक अधिकारों के लिए आंदोलन करने वाले मार्टिन लूथर की वजह से देश की स्थिरता को खतरा हो सकता है। इतिहास के सबसे महान संस्थापकों में से एक के रूप में याद किए जाने वाले मार्टिन लूथर किंग जूनियर को लेकर जो खुलासा हुआ है वह उनकी छवि से बिल्कुल उलट है।
मार्टिन लूथर किंग की सफलता की कहानी अमेरिका के अलाबामा राज्य से शुरू हुई थी। यहां पर अश्वेतों ने जो एक वर्ष से भी अधिक समय का आंदोलन चलाया था उसकी अगुवाई मार्टिन ने ही की थी। इस आंदोलन का ही परिणाम था कि अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने अलग-अलग सीटों की व्यवस्था को असंवैधानिक घोषित कर दिया था।

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