Spread of COVID-19: शोधकर्ताओं ने बाजार में सुलभ फेस मास्क की गुणवत्ता पर उठाए सवाल
वैज्ञानिक उपलब्ध फेस मास्क की उपयोगिता को परख रहे हैं। इसके साथ यह भी देख रहे हैं कि विभिन्न प्रकार के फेस मास्क कोरोना प्रसार को रोकने में कितने प्रभावशाली है।

वाशिंगटन, एजेंसी। कोरोना वायरस के प्रसार के बीच वैज्ञानिक इस बात का शोध करने में जुटे हैं कि व्यापाक रूप से उपलब्ध और इस्तेमाल किए जा रहे फेस मास्क क्या वायरस के कणाें को रोकने में सक्षम हैं। वैज्ञानिक इस बात की जांच-परख कर रहे हैं कि बाजार में मिल रहे विभिन्न प्रकार मास्क लार की एक बहुत छोटी बूंद को रोकने में सक्षम हैं। इसमें SARS-CoV-2 वायरस के कण भी शामिल है। वैज्ञानिक उपलब्ध फेस मास्क की उपयोगिता को परख रहे हैं। इसके साथ यह भी देख रहे हैं कि विभिन्न प्रकार के फेस मास्क कोरोना प्रसार को रोकने में कितने प्रभावशाली है।
शोधकर्ताओं के शुरुआत चरण के निष्कर्ष
हालांकि, लेखकों ने अपने निष्कर्ष के पहले यह साफ कर दिया है कि अभी उनकी जांच शुरुआती चरण में है। यह केवल सीमित लोगों पर यानी इसका परीक्षण एक छोटे समूह पर किया गया है। शोधकर्ताओं का यह प्रयोग ग्रेड N-95 मास्क, सर्जिकल या पॉलीप्रोपाइलीन मास्क और हाथ से बने सूती फेस मास्क पर किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सभी प्रकार के मास्क बहुत सीमित मात्रा में रक्षा करने में सक्षम हैं यानी लार की एक बड़ी बूंद को रोकने में यह अक्षम दिखे। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि मास्क में प्रयुक्त सामग्री लार की बड़ी बूंदों को तोड़ देती है और यह बूंदे मुखौटे से निष्कासित हो जाती है। एम्मा फिशर और सहकर्मियों का कहना है यह मास्क गैर विशेषज्ञ द्वारा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि मास्क निर्माण में और उसकी डिजाइन तैयार करते समय विशेषज्ञों की सलाह ली जा सकती है।
कोरोना प्रसार को रोकने के लिए मास्क पहनने पर जोर
एम्मा फिशर और सहकर्मियों का यह शोध और सुझाव तब और उपयोगी हो जाता है, जब कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया भर के मुल्क मास्क पहनने पर जोर दे रहे हैं। इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए आपूर्ति में एक बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है। कई लोगों ने तो विकल्प के तौर पर घर पर ही मास्क तैयार कर रहे हैं, लेकिन ये मास्क व्यवस्थित रूप से परीक्षण नहीं किए गए हैं।

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