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    दुनिया के 43 देशों के साढ़े चार करोड़ से अधिक लोग भुखमरी और अकाल के मुहाने पर - WFP

    दुनिया के 43 देशों के करीब साढ़े चार करोड़ से ज्‍यादा लोग भुखमरी के कगार पर हैं। विश्‍व खाद्य कार्यक्रम ने इस बात की जानकारी साझा की है। डब्‍ल्‍यूएफपी का ये भी कहना है कि उन्‍हें लोगों की मदद के लिए अधिक पैसे चाहिएं।

    By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 16 Nov 2021 03:16 PM (IST)
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    कंगाली और भुखमरी के कगार पर पहुंचे करोड़ों लोग

    न्‍यूयार्क (यूएन)। दुनिया के करीब साढ़े चार करोड़ लोग अकाल के मुहाने पर हैं। इसकी जानकारी देते हुए विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने आगाह किया है कि 43 देशों में इस तरह की स्थिति है। डब्‍ल्‍यूएफपी के मुताबिक दुनिया में करोड़ों लोगों की हालत इस कदर खराब है कि उन्‍हें पेट भरने लायक दो वक्‍त का भोजन नहीं मिल पा रहा है। हालात लगातार बद से बदतर हो रहे हैं। एक प्रेस विज्ञप्ति में संगठन ने कहा है कि वर्ष वर्ष 2019 में ये संख्या दो करोड़ 70 लाख थी जो मौजूदा वर्ष की शुरुआत में 4 करोड़ 20 लाख हो गई है। संगठन के मुताबिक भुखमरी के शिकार लोगों की संख्‍या में सबसे अधिक तेजी बुरुंडी, कन्‍या, अंगोला, सोमालिया, हेती, इथियोपिया और अफगानिस्‍तान में आई है।

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    संगठन के कार्यकारी निदेशक डेविड बीजली ने कहा है कि करोड़ों लोगों के सामने इस तरह की समस्‍या आई है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि हमारे सामने कोरोना महामारी के अलावा, क्‍लाइमेट चेंज, संघर्ष, हिंसा और युद्ध जैसे संकट मुंह फाड़े खड़े हैं। भुखमरी की स्थिति का सामना करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। ताजा आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि विश्‍व के करीब साढ़े चार करोड़ से भी ज्‍यादा लोग इस स्थिति की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। बता दें कि डेविड हाल ही में अफगानिस्‍तान की मौजूदा परिस्थितियों का जायजा लेकर वापस लौटे हैं। इसके बाद उन्‍होंने ये बयान दिया है। बता दें कि यूएन खाद्य एजेंसी, अफगानिस्‍तान में लगभग करीब ढाई करोड़ लोगों तक मदद पहुंचाने का काम कर रहा है।

    डेविड अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में बढ़ती ईंधन और खाद्य पदार्थों कीमतों पर भी चिंता व्‍यक्‍त की है। उन्‍होंने कहा कि उर्वरक पहले की अपेक्षा काफी महंगे हो गए हैं। इन सभी की वजह से दुनिया के सामने एक नई तरह का संकट खड़ा हो गया है। इस तरह का संकट लंबे समय से युद्ध की मार झेल रहे अफगानिस्तान, सीरिया और यमन में देखा जा सकता है। संगठन की तरफ से कहा गया है कि उनके स्‍तर पर ऐसे देशों में लोगों की मदद करने के लिए व्‍यापक कदम उठाए जा रहे हैं। जहां पर मदद पहुंचाना संभव नहीं हो पा रहा है उसको लेकर भी कदम बढ़ाए जा रहे हैं। हालांकि संसाधनों की कमी भी इसमें रुकावट पैदा कर रही है। मौजूद संसाधनों के बल पर जरूरतें पूरी नहीं की जा सकती है।

    यूएन खाद्य एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि दुनिया भर में अकाल की स्थिति को टालने के लिए करीब सात अरब डालर की राशि की दरकार होगी। मौजूदा वर्ष में ये राशि छह अरब 60 करोड़ डालर थी। संगठन के प्रमुख ने इस समस्‍या पर अपनी चिंता व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि हमें दुनिया भर में जरूरतमंद परिवारों तक सहायता पहुंचाने के लिए अधिक धन चाहिए। भुखमरी के मुहाने पर बैठे करोड़ों लोग अपना सब कुछ लुटा चुके हैं। अब उनके पास कोई दूसरा संसाधन या विकल्‍प भी नहीं बचा है। 43 देशों में हालात की समीक्षा के दौरान ये जानकारी सामने आई है कि कुछ लोगों को हर रोज खाना तक नहीं मिल पा रहा है।