राष्ट्रपति चुनाव में कोरोना से हार कर सकती है डोनाल्ड ट्रंप का खेल खराब, विपक्ष हो रहा मजबूत
आगामी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप का खेल खराब हो सकता है। विपक्ष लगातार कोरोना वायरस से जंग में पिछड़ने की बड़ी वजह ट्रंप की नीतियों को ही बता रहा है।
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वक्त दोहरी परेशानी से घिरे हुए हैं। एक तरफ अमेरिका में कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है तो दूसरी तरफ मौतों का भी आंकड़ा यहां लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ इसी वर्ष के अंत तक अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में अफगानिस्तान से सेना वापसी का जो दांव तालिबान से शांति समझौता करके खेला था, आने वाले समय में या कहें कि राष्ट्रपति चुनाव में वो विफल होने की पूरी संभावना बनी हुई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कोरोना वायरस की मार ने अमेरिका के लोगों को बुरी तरह से तोड़ कर रख दिया है।
देश के सभी पचास राज्यों में लॉकडाउन है। दो करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं और अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए जगह-जगह खुले फूड बैंक पर निर्भर हैं। तो वहीं दूसरी तरफ क्रूड ऑयल की कीमतों में आई गिरावट से देश की एक हजार से अधिक कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर हैं। देश को जिस तेजी से आर्थिक संकट घेर रहा है उसको रोकने में ट्रंप काफी हद तक विफल साबित होते हुए दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर जरूरी प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स की कमी से भी लोगों के मन में गुस्सा है। पिछले दिनों काफी संख्या में हेल्थ वर्कर्स ने इसको लेकर सड़कों पर प्रदर्शन भी किया था।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अभी से तैयारी में जुटा विपक्ष कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के लिए सीधेतौर पर राष्ट्रपति ट्रंप पर ओरोप लगा रहा है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार जो बिडेन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के आव्रजन संबंधी बयान का मकसद कोरोना वायरस संकट से निपटने में अपनी नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाना है। कोरोना के कारण अमेरिका में अब तक 45,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं।
मौतों का ये आंकड़ा पूरी दुनिया में सबसे अधिक है। कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने समय रहते इस वायरस से बचाव के उपाय नहीं किए। इतना ही नहीं विदेशों से जांच किट मंगवाने की बजाए ट्रंप ने देश में ही इसको तैयार करने की जिद की जिसकी वजह से मामले लगातार बढ़ते चले गए। इतना ही नहीं अमेरिका ने ये जाने बिना कि उसको कोरोना वायरस का संकट अपनी गिरफ्त में ले सकता है, प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स की चीन को सप्लाई जारी रखी। इसका नतीजा ये हुआ कि अमेरिका में अपने ही हेल्थ वर्कर्स इसकी कमी का शिकार हो गए।
बिडेन ने आरोप लगाया कि ट्रंप इस सच को झुठलाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने इस वायरस पर काबू पाने के लिए बहुत धीरे कदम उठाया और अब सब इसकी कीमत अमेरिकी अपनी जान देकर चुका रहे हैं। बिडेन ने ट्रंप के ग्रीन कार्ड जारी न करने के बयान पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका आने वाले लोगों की कोविड-19 की जांच करने की आवश्यकता है, चाहे वे अमेरिकी नागरिक हों या नहीं। इसके अलावा कोरोना पर काबू के लिए यात्रा पर प्रतिबंध की नीति तर्कसंगत हैं।
कांग्रेस सदस्य नैंसी पेलोसी ने भी बिडेन का समर्थन करते हुए कहा कि ट्रंप ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। आपको बता दें कि ट्रंप ने देश में आव्रजन को अस्थायी रूप से निलंबित करने के अपने कार्यकारी आदेश के तौर पर अगले 60 दिन के लिए नए ग्रीन कार्ड जारी करने या वैध स्थायी निवास की अनुमति देने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। विपक्ष इसको भी अपने चुनाव का मुद्दा बना रहा है।
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