संभावनाओं से परिपूर्ण है खूबसूरत डुवार्स
फोटो= रंग ला सकती है विकास की डगर पर ले जाने की मुख्यमंत्री की पहल
संवाद सूत्र, अलीपुरद्वार : दिन बुधवार। घड़ी में तब सुबह के आठ बजने ही वाले हैं कि मूसलाधार बारिश शुरु होती है। जलदापाड़ा अभ्यारण्य में एक कल्पनाशील परिवेश। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने हलोंग स्थित बंगलो में बैठकर डुवार्स की वर्षा से भींगे डुवार्स की छटा को देखकर मुग्ध हैं। मन में कल्पना के बादल उमड़ने घुमड़ने लगे हैं। इस सुंदर डुवार्स में विकास की संभावना को लेकर मुख्यमंत्री ने मदारीहाट की सभा में जो तस्वीर खींचीं वह वास्तव में काबील-ए-तारीफ है। मंच से उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी कितने भाग्यशाली हैं कि डुवार्स का इतना खूबसूरत परिवेश आपके हिस्से में आया है। पहाड़, नदी, जंगल से घिरे इस क्षेत्र में पर्यटन का ऐसा विकास संभव है कि यहां के लोगों का आर्थिक कायाकल्प संभव है। लेकिन हमने अपने ही क्षेत्र की संभावना की तलाश नहीं की है। उन्होंने कहा कि बहुत से देश हैं जिन्होंने केवल पर्यटन को आधार बनाकर अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती दिलाई है। क्या हम यह काम नहीं कर सकते जबकि हमारे पास इतने सुंदर व आकर्षक क्षेत्र हैं। मुख्यमंत्री ने डुवार्स की वादियों की सुंदरता का बखान करने के लिए कवि-गुरु रवींद्रनाथ ठाकुर की कविता की पंक्तियां पढ़कर श्रोताओं को सुनाई। ये पंक्तियां इस प्रकार हैं, देखिते गियाछि पर्वतमाला, देखिते गियाछि सिंधु, देखा हय नाइ चक्षु मेलिया, घर होईते शुधू दुई पा फेलिया, एकटी धानेर शीषेर उपर एकटी शिशिर बिंदु। अर्थात हमने पहाड़ के साथ साथ सागर भी देखे लेकिन अपने घर के आसपास के खेत में धान के पौधे पर ओस की बूंद की खूबसूरती की कद्र नहीं की। पर्यटन को लेकर सीएम के इस उत्साह का जिक्र करते हुए मदारीहाट के एक पर्यटन व्यवसायी विश्वजित साहा ने कहा कि पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने मदारीहाट में सभा की है। वह जिस तरह से डुवार्स को पर्यटन के मानचित्र पर लाने का सपना देख रही हैं वह विरल है। इस दिशा में वह सक्रिय पहल भी कर रही हैं। यह अभूतपूर्व है।