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    तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में हाथी की मौत

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 10 May 2017 06:47 PM (IST)

    फोटो : राजेश 02 -लोगों में रोष, नियंत्रित रफ्तार में ट्रेन चलाए जाने की मांग -वाइल्ड प्लैनेटर्स

    तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में हाथी की मौत

    फोटो : राजेश 02

    -लोगों में रोष, नियंत्रित रफ्तार में ट्रेन चलाए जाने की मांग

    -वाइल्ड प्लैनेटर्स ने एडीआरएम को भेजा ज्ञापन

    जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :

    महकमा के नक्सलबाड़ी प्रखंड अंतर्गत किरणचंद्र चाय बागान इलाके में बुधवार तड़के सुबह देवमनी नदी पर रेलवे के 44 नंबर ब्रिज के निकट रेल लाईन पार करने के दौरान सिलीगुड़ी-कटिहार पैसेंजर ट्रेन की चपेट में एक व्यस्क दंतैल हाथी की मौत हो गई। इस घटना से लोगों विशेष कर पशु प्रेमियों में गहरा रोष है।

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    इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रेन बहुत ही तेज रफ्तार में थी। विशालकाय हाथी को न सिर्फ ट्रेन की टक्कर लगी बल्कि उसकी चपेट में हाथी कई मीटर घिसटता चला गया। उसका शरीर कई जगहों पर कट गया और फिर वह रेल लाईन से दूर फेंका गया जहां मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया। इलाके के लोगों ने मृत हाथी के शरीर पर फूल-पत्ते डाल कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही वन विभाग के कर्सियांग रेंज को घटना की सूचना दी गई। रेंज के वनकर्मी मौके पर पहुंचे व हाथी के शव को अपने कब्जे में ले लिया। बागडोगरा एलिफैंट स्क्वाड इंचार्ज पेम्पा शेरपा ने कहा इस घटना को लेकर रेलवे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई जाएगी।

    उल्लेखनीय है कि उक्त इलाका हाथी कॉरिडोर के रूप में चिन्हित है और नियमानुसार हाथी कॉरिडोर इलाके में ट्रेन को धीमी रफ्तार से चलना होता है। इसके बावजूद इस ओर रेलवे का कोई ध्यान नहीं है। इससे लोगों में काफी रोष है। इसे लेकर वाइल्ड प्लैनेटर्स नामक संगठन की ओर से इस दिन नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर (एनएफ) रेलवे के कटिहार डिविजन के एडीआरएम को ज्ञापन भेजा गया। यह ज्ञापन संगठन सदस्यों ने इस दिन सिलीगुड़ी जंक्शन के स्टेशन मास्टर को सौंपा। वाइल्ड प्लैनेटर्स के मुख्य संयोजक व महासचिव कौस्तभ चौधरी ने कहा कि हमने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि एलिफैंट कॉरिडोर इलाके में 20 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक ट्रेनों की रफ्तार न हो, ट्रेन चालकों को इसके प्रति सचेत करने के लिए इलाके में ऐसी व्यवस्था की जाए कि ट्रेन चालक पहले ही सचेत हो जाएं। इन मांगों पर अमल नहीं होने पर संगठन ने जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है। याद रहे कि इससे पूर्व गत 17 अक्टूबर 2014 को नक्सलबाड़ी प्रखंड के रतन जोत कालाबाड़ी बीट इलाके में करंट लगने से हुई दो हाथियों की मौत हुई थी।