इस छात्रा के प्रयास से अब बदल जाएगी गांवों की सूरत
उत्तरकाशी जिले के सुनाली गांव की आठवीं की छात्रा प्रीति की भविष्य के प्रति सोच व हिम्मत का ही नतीजा है कि गांव के रास्ते के साथ ही अन्य समस्याएं अब दूर हो जाएंगी।
पुरोला, उत्तरकाशी [राधेकृष्ण उनियाल]: कौन कहता है आसमां पे सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों, दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियों को चरितार्थ किया है उत्तरकाशी जिले के सुनाली गांव की आठवीं की छात्रा प्रीति ने। भविष्य के प्रति उसकी सोच व हिम्मत का ही नतीजा है कि जूनियर हाईस्कूल सुनाली के तीन साल पहले आपदा में ध्वस्त रास्ते के पुनर्निर्माण के लिए जिलाधिकारी ने अब दो लाख रुपये मंजूर किए हैं।
बात यहीं खत्म नहीं होती। सुनाली, घुंडाड़ा व श्रीकोट गांवों के जीआईसी मोल्टाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को बरसात में दिक्कतें न उठानी पड़े, इसके कमल नदी पर झूलापुल का प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश लोनिवि को दिए गए हैं। यही नहीं, क्षेत्र में शराब के फूल-फल रहे शराब के धंधे पर अंकुश लगाने और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए महिला समूह बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
दरअसल, ये सभी मसले दो जुलाई को सुनाली गांव में जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव के जनता मिलन कार्यक्रम में प्रीति ने उनके समक्ष रखे। प्रीति ने उन्हें बताया कि जिस जूनियर हाईस्कूल में वह पढ़ती है, वह सड़क से डेढ़ किमी के पैदल फासले पर है।
तीन साल पहले आपदा के दौरान यह रास्ता ध्वस्त हुआ। आज यह इतना ऊबड़-खाबड़ है कि उस समेत अन्य गांवों के विद्यार्थी जैसे-तैसे स्कूल आ-जा पाते हैं। उसने कहा कि वह तो इस साल आठवीं पास कर लेगी, लेकिन बच्चे तो यहां पढ़ेंगे ही। लिहाजा, रास्ता ठीक होना चाहिए। प्रीति यही नहीं रूकी।
उसने हाकिम को बताया कि सुनाली के साथ ही घुंडाड़ा व श्रीकोट के करीब दो दर्जन बच्चे जीआईसी मोल्टाड़ी में पढ़ने जाते हैं। इन सभी को वर्तमान में चार किमी की दूरी तय कर घुंडाड़ा से होकर जाना पड़ता है। सामान्य दिनों में बच्चे कमल नदी को पार कर आते-जाते हैं, लेकिन यह जोखिमभरा है। उसने सुझाव दिया कि यदि सुनाली व मोल्टाड़ी के बीच कमल नदी पर झूलापुल बन जाए तो यह दूरी महज एक किमी रह जाएगी।
समाज के प्रति चिंतित 13 साल की प्रीति ने जिलाधिकारी से कहा कि शराब के कारण क्षेत्र का वातावरण दूषित हो रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। उसने गांव की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की पैरवी भी की और कहा कि महिला समूह बनाकर इस दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं।
जिलाधिकारी ने प्रीति की बातों को न सिर्फ गंभीरता से सुना, बल्कि इनका जल्द से जल्द समाधान का भरोसा दिलाया। एक सप्ताह के भीतर ही प्रीति की उठाई मांगों पर अमल भी शुरू हो गया है। जिलाधिकारी डा.श्रीवास्तव की ओर से जूनियर हाईस्कूल सुनाली के रास्ते के लिए दो लाख रुपये मंजूर करने का पत्र शनिवार को विद्यालय को मिल गया।
उधर, लोनिवि के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार ने बताया कि कमल नदी पर झूलापुल का 15 दिन में प्राक्कलन तैयार कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी जाएगी। वहीं, खंड विकास अधिकारी एसएस कुमांई के अनुसार सुनाली गांव में 15 दिन के भीतर महिला समूह बनाने के लिए ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया है। इसके बाद महिलाओं को विभिन्न रोजगारपरक कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा।
प्रीति के प्रयासों की सर्वत्र सराहना
सुनाली गांव की बेटी प्रीति के इन प्रयासों की पूरे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है। ग्राम प्रधान प्रेमलाल कहते हैं कि प्रीति के अनुरोध पर जिलाधिकारी ने एक सप्ताह में ही फरियाद पूरी कर दी। उधर, प्रीति ने जिलाधिकारी को फोन कर उनके प्रति आभार जताया है।
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