बम-बम भोले के जयकारों से गूंज रहा गंगोत्री और गोमुख
कांवड़ यात्रा का रंग भागीरथी (गंगा) के उद्गम गोमुख में भी दिखने लगा है। इन दिनों गंगोत्री से गोमुख तक का 18 किमी पैदल मार्ग बम-बम भोले के जयकारों से गूंज रहा है।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: गुरु पूर्णिमा से शुरू हुई कांवड़ यात्रा का रंग भागीरथी (गंगा) के उद्गम गोमुख में भी दिखने लगा है। इन दिनों गंगोत्री से गोमुख तक का 18 किमी पैदल मार्ग बम-बम भोले के जयकारों से गूंज रहा है।
विभिन्न प्रांतों से आ रहे कांवड़िए गंगोत्री व गोमुख से गंगाजल भरकर भोले के जयकारे लगाते हुए अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो रहे हैं। गोमुख धाम में कुछ शिवभक्त प्रार्थना मांगकर जलभरकर जा रहे हैं तो कुछ शिवभक्त भगवान शिव से कुछ मांगने की इच्छा से जलभर रहे हैं।
दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए कांवड़िए कहते हैं कि श्रावण शिवरात्रि को जो भी भक्त गोमुख से लाए गंगाजल से भोलेनाथ का अभिषेक करता है, भगवान उसकी समस्त कामनाएं पूर्ण करते हैं।
कांवड़ लेने आए राजेश, सोहन, दीपक और राहुल ने बताया कि वह पहली बार जल भरने गोमुख आए हैं। भक्ति भाव में 18 किमी पैदल मार्ग इतना आसान हो गया कि थकान का कोई अहसास ही नहीं हुआ। कहीं पर अगर कोई परेशानी हुई भी तो भगवान शिव की आस्था के आगे वह बौनी पड़ गई। बताया कि भोलेनाथ के जलाभिषेक के बाद उनकी मन्नत पूरी हुई तो अगली बार वह फिर कांवड़ यात्रा में जल भरने गोमुख आएंगे।
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