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    जीएसआइ की टीम करेगी वरुणावत का अध्ययन

    By Edited By:
    Updated: Sun, 19 Jul 2015 06:28 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : वरुणावत पर्वत के फिर दरकने से शासन-प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। भू-वैज्

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : वरुणावत पर्वत के फिर दरकने से शासन-प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। भू-वैज्ञानिकों की टीम के सर्वे के बाद जल्द ही जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआइ) की टीम वरुणावत का अध्ययन करेगी। इसकी पुष्टि जीएसआइ के निदेशक डॉ. वीके शर्मा ने की।

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    समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित वरुणावत पर्वत से तांबाखाणी की ओर पिछले चार दिनों से लगातार भूस्खलन हो रहा है। प्रशासन की ओर से तांबाखाणी सुरंग के बाहर वाली सड़क पर आवाजाही रोक दी गई है। इसके लिए दिन व रात डीएम के निर्देश पर पुलिस तैनात है। बीते शनिवार को आपदा प्रबंधन की ओर से दो भू-वैज्ञानिकों ने वरुणावत पर्वत का सर्वे किया था। ट्रीटमेंट के ऊपर से आई दरारों के साथ ट्रीटमेंट की सतह के नीचे से हो रहे भूस्खलन को भी भू-वैज्ञानिकों ने देखा और वरुणावत की स्थिति को बेहद गंभीर बताया। अब जल्द ही वरुणावत के विशेष अध्ययन के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआइ) की टीम पहुंचने वाली है। जीएसआइ की ओर से टीम का गठन भी कर दिया गया है। जीएसआइ के निदेशक डॉ. वीके शर्मा ने बताया कि डीएम उत्तरकाशी ने उन्हें वरुणावत से हो रहे भूस्खलन के बारे में जानकारी दी है। इस पर जल्द ही जीएसआइ की टीम उत्तरकाशी पहुंच कर वरुणावत से हो रहे भूस्खलन का अध्ययन करेगी। उन्होंने बताया कि अगर ट्रीटमेंट पर दरारें आई तो उसका भी उपचार संभव है व ट्रीटमेंट के बाहर का भी।