शिक्षा विभाग नींद में
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : आपदाओं की मार से बदहाल हो चुके स्कूलों की फिलहाल शिक्षा विभाग सुध लेने को
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : आपदाओं की मार से बदहाल हो चुके स्कूलों की फिलहाल शिक्षा विभाग सुध लेने को तैयार नहीं है। वर्ष 2012 और 2013 की आपदाओं से जिले में पचास प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल जर्जर हो चुके हैं, लेकिन शिक्षा विभाग इनकी मरम्मत शुरू नहीं कर सका है।
जिले में इन दो साल में 44 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे। तो पचास प्राथमिक और उच्च प्राथमिक खतरे की जद में आ गए। खतरे की जद में आए इन स्कूलों में फिलहाल कक्षाएं संचालित हो रही है। ऐसे में इन स्कूलों में पड़ रहे मासूमों के सिर पर भी हमेशा ही खतरा मंडराता रहता है। बीते साल सौम्यकाशी रोटरी क्लब ने भी इन स्कूलों के भवनों की मरम्मत के लिए आगे हाथ बढ़ाया था तो शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया गया बजट भी विभाग ने वापिस ले लिया, लेकिन कुछ महीनों के बाद एमओयू होने के बावजूद सौम्यकाशी रोटरी क्लब ने इन स्कूलों की मरम्मत से हाथ पीछे खींच लिए। ऐसे में विभाग के सामने फिर से इन स्कूलों की मरम्मत का आंकलन तैयार करने और बजट स्वीकृत करवाने की चुनौती आ गई। दो साल बीतने के बाद भी बजट स्वीकृत नहीं हो सका लिहाजा स्कूलों की मरम्मत का काम भी शुरू नहीं हो सका है।
आपदा की मार से बेहाल स्कूल
आपदा में पूर्ण ध्वस्त
प्राथमिक - 38
उच्च प्राथमिक - 08
खतरे की जद में स्कूल
प्राथमिक - 37
उच्च प्राथमिक - 13
'जनवरी महीने के पहले सप्ताह में बजट संबंधी बैठक होनी है, इसमें संभव है कि इन स्कूलों के लिए बजट मिल सकेगा, फिलहाल बजट ना होने से इन स्कूलों की मरम्मत का काम अटका हुआ है।
राय साहब यादव, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक।