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रेल मार्ग को लेकर डीआरएम को घेरा

संवाद सहयोगी, बाजपुर : गेट संख्या-20 को खुलवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने डीआरएम का घेराव किया

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Sep 2017 06:58 PM (IST)Updated: Mon, 04 Sep 2017 06:58 PM (IST)
रेल मार्ग को लेकर डीआरएम को घेरा
रेल मार्ग को लेकर डीआरएम को घेरा

संवाद सहयोगी, बाजपुर : गेट संख्या-20 को खुलवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने डीआरएम का घेराव किया। इस दौरान काफी देर तक अफरातफरी का माहौल बना रहा।

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सोमवार को हिंदू महासभा के तत्वावधान में भाजपा, विहिप कार्यकर्ताओं, ग्रामीणों और स्कूली बच्चों ने रेलवे स्टेशन पर धरना दिया गया। इस बीच निरीक्षण करने के लिए पहुंचे डीआरएम निखिल पांडेय को ज्ञापन देते हुए मामले में सार्थक कदम उठाने का अनुरोध किया गया। इस दौरान डीआरएम के द्वारा गेट नहीं खुलने की बात कहे जाने पर लोग उग्र हो गए और हिंदू महासभा के कुमाऊं प्रभारी हेम कांडपाल ने डीआरएम का पैर पकड़ कर रास्ता खुलवाने की घोषणा करने की मांग की, जिसके चलते साथ में आई रेलवे पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए जैसे ही पुलिस ने उन्हें हटाना चाहा तो बच्चों को लेकर महिलाएं भी सामने आ गई। इस वजह से काफी देर तक अफरातफरी का माहौल रहा। इस बीच रेलवे पुलिस द्वारा बमुश्किल प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर डीआरएम को सुरक्षा घेरे में लिया गया। इसके बाद वहां से रेलवे स्टेशन मास्टर के कार्यालय में ले जाया गया, जहां साथ आए अन्य अधिकारियों से काफी समय तक गुफ्तगू करने के बाद बाहर खड़ी भीड को इतना कहा गया कि वह केंद्र को प्रस्ताव भेज देंगे, उनके स्तर से लिंक मार्ग बन सकता है, उस पर विचार किया जाएगा। इससे पूर्व छीनाझपटी में ज्ञापन भी फट गया। बाद में डीआरएम को दूसरा ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर विहिप जिला मंत्री यशपाल राजहंस, हेम कांडपाल, रवि, रमेश, सुंदर सहित अनेक महिला-पुरुष व बच्चे मौजूद थी ।

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दस खर्च करने को तैयार नहीं, तीस लाख की सहमति

बाजपुर : एक तरफ रेलवे खर्च करने में जुटा है तो वहीं अधिकारी लंबे-चौड़े बजट बनाने के जुगाड़ में लगे रहते हैं। इसकी बानगी गेट संख्या-20 को खुलवाने के समय सामने आई जब अधिकारियों द्वारा डीआरएम को रेलवे लिंक मार्ग बनाने की सलाह दी, जिसमें तीस लाख खर्च होने की बात कही गई, जबकि यह स्थाई समाधान भी नहीं है। दिन में लगभग 10 से 12 बार गेट बंद होता है, जिसके चलते ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जबकि लगभग 10 लाख खर्च कर नीचे से पुलिया बना छोटे वाहनों के लिए मार्ग खोला जा सकता है, इस पर विभाग विचार करने को तैयार नहीं है।


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