मसाला उद्योग स्थापित कर स्वरोजगारी बनी महिलाएं

जागरण प्रतिनिधि, चंबा: खेती-किसानी और घरेलू कामों के साथ-साथ स्वरोजगारी किस तरह बना जा सकता है, यह बात चंबा क्षेत्र की महिलाएं अच्छी तरह जानती है। ये महिलाएं अपने खाली समय में स्वयं सहायता समूह और ग्रामोद्योग के मदद से अपने बेहतर कल के ताने बाने बुन रही हैं। फकोट के अपने हाथों से बनाए मसालों को बाजार में बेच कर अपने परिवार को मजबूत कर रही हैं।
नरेंद्रनगर के फकोट की महिलाएं अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत करने में लगी है। जमाने से चली आ रही भ्रांतियों को तोड़ते हुए इन महिलाओं ने वर्ष 2007 में ग्रामोद्योग की सहायता से स्वयं सहायता समूह का गठन किया। ये महिलाएं खुद घर-घर व बाजार में जाकर अपने हाथों से तैयार मसालों को बेचती है। इसके लिए ये लोग आसपास के गांवों से ही कच्चा माल खरीदती हैं। लगन और कड़ी मेहनत के चलते यह कोशिश अब रंग लाने लगी है। इसके लिए उन्होंने फकोट में छोटा सा उद्योग भी स्थापित किया है। ये महिलाएं माल तैयार करने के अलावा उनकी पैकेजिंग, लेबलिंग व मार्केटिंग भी खुद करती है।
इस कुटीर उद्योग में ये महिलाएं हल्दी, गरम मसाले, धनिया और मिर्च आदि दर्जनों प्रकार के मसाले तैयार कर रही है। वर्तमान में इस समूह से दस महिलाएं जुड़ी है जो हर महीना चार से छह हजार रुपये महीना तक कमा लेती है। आज उनके मसाले कई छोटे-बड़े बाजारों में बिक रहे है। इतना ही नहीं वे प्रदर्शनी लगाकर भी अपने उत्पाद बेचती है। मसालों के अलावा वे अचार, जूस आदि भी बिक्रय करती है।
समूह की अध्यक्ष ऊषा नेगी का कहना है कि महिलाओं को घर की हर छोटी बड़ी जरूरत के लिए पुरूषों पर निर्भर होना पड़ता था। इसी के चलते हम लोगों ने पहले कुछ रुपये एकत्र किए और अपना काम शुरू किया जिसके परिणाम भी सुखद रहे है। समूह की अन्य सदस्य उजला देवी, तारा देवी, बुगला देवी, अनिता, सुशीला आदि महिलाएं अब अन्य जगहों पर विपणन केन्द्र खोलने की तैयारी में हैं।
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