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    पांडव नृत्य में बाणों का कौथिग रहा आकर्षण का केंद्र

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sun, 20 Nov 2016 06:07 AM (IST)

    इन दिनों रुद्रप्रयाग के भरदार क्षेत्र के तरवाड़ी में पांडव नृत्‍य की धूम है। शुक्रवार को पांडव नृत्य में बाणों का कौथिग आकर्षण का केंद्र बना रहा।

    रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: भरदार क्षेत्र के तरवाड़ी में चल रहे पांडव नृत्य में बाणों का कौथिग आकर्षण का केंद्र बना रहा। इस दौरान दूर-दराज क्षेत्रों से पहुंचे भक्तों ने भगवान बदरीविशाल एवं शंकरनाथ देवता के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। आगामी दो दिसम्बर को प्रसाद वितरण के साथ पांडव नृत्य का विधिवत समापन किया जाएगा।

    प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी एकादशी पर्व 11 नवम्बर को अलकनंदा-मंदाकिनी संगम स्थल गंगा स्नान के साथ ग्राम पंचायत दरमोला के तरवाड़ी गांव में पांडव नृत्य का आयोजन शुरू हो गया था। शुक्रवार को सुबह ग्रामीणों ने भगवान बदरी विशाल एवं अन्य देवताओं को पूरी प्रसाद एवं खीर का भोग लगाया। पुजारी कीर्ति प्रसाद डिमरी ने पांडव के अस्त्र-शस्त्रों के साथ देव निशानों की विशेष पूजा-अर्चना की।

    पांडव पश्व ने नृत्य करने वाले स्थान के चारों कोने की पूजा-अर्चना की। जिसके बाद ढोल सागर की ताल पर देवता अवतरित हुए, तथा उन्होंने पांडवों को नृत्य करने की अनुमति दी। पुजारी ने पांडवों को उनके बाण एवं अन्य अस्त्र-शस्त्र दिए और पांडवों ने ढोल-दमाऊ की थाप पर नृत्य शुरू किया, जो दूर-दराज क्षेत्रों से पहुंचे भक्तों के आकर्षण का केद्र बना रहा। पांडव नृत्य देखने के लिए दरमोला, तरवाड़ी, स्वीली, सेम, डुंग्री, जवाड़ी, मेदनपुर, रौठिया समेत कई दूर-दराज क्षेत्रों से ग्रामीण पहुंचे हुए थे।

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    इससे पूर्व भक्तों नेभगवान बदरीनाथ एवं शंकरनाथ देवता को भेंट लगाकर दर्शन किए, तथा अपने परिवार की खुशहाली की कामना भी की। बाणों के कौथिग का नृत्य तीन घंटे तक चलता रहा। अंत में बदरीविशाल को लगाए गए भोग को भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। पांडव नृत्य समिति तरवाड़ी के अध्यक्ष भोपाल सिंह पंवार ने ग्रामीणों से धार्मिक कार्य में अपना पूर्ण सहयोग देने की अपील की है।

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    एक दिसम्बर को सिरोता एवं दो दिसम्बर को पांडव नृत्य का विधिवत समापन किया जाएगा। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को पांडव नृत्य में पहुंचने की अपील की है। इस अवसर पर जसपाल सिंह पंवार, नत्था सिंह पंवार, किशन रावत, रविन्द्र पंवार, कर्ण सिंह रावत, शूरवीर सिंह पंवार, कृपाल सिंह, सुरेश पंवार, वीर सिंह पंवार, राजेन्द्र पंवार, सुरजीत सिंह समेत कई बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

    पढ़ें:-गंगा स्नान के साथ पांडव नृत्य शुरू

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