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    पिथौरागढ़ के जंगल में लगी भीषण आग

    By Gaurav KalaEdited By:
    Updated: Sun, 26 Feb 2017 07:00 AM (IST)

    जिला मुख्यालय से लगभग 16 किमी दूर थलकेदार के रिजर्व जंगल में आग लग गई। आग ने धीरे धीरे विकराल रुप ले लिया है।

    पिथौरागढ़ के जंगल में लगी भीषण आग

    पिथौरागढ़, [जेएनएन]: पिथौरागढ़ रेंज के अंतर्गत जिला मुख्यालय से लगभग 16 किमी दूर थलकेदार के रिजर्व जंगल में आग लग गई। आग धीरे धीरे बढ़ना शुरू कर गई। वन विभाग की टीम ने जंगल में आग बुझाने के लिए टीम गठित कर ली है।

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    थलकेदार का जंगल बाज बुरांश फल्यात सहित चौड़ी पत्ती वाले वृक्षों वाला है। इस जंगल में नमी भी काफी अधिक रहती है। इस वर्ष शीत ऋतु में बारिश काफी कम हुई। जिसके परिणाम स्वरूप नमी में कमी आयी है।फरवरी माह में ही जंगल आग की चपेट आ रहे है। थलकेदार जंगल में अभी  20 से 25 मीटर के दायरे  में आग फैली है। धुआं जिला मुख्यालय से नजर आ रहा है। इस समय वन विभाग में फायर सीजन के लिए क्रू स्टेशन भी बना लिए है।
    आग पर जल्दी काबू नही पाये जाने पर आग के अधिक विकराल होने की संभावना है। जिला मुख्यालय से सटे टकाड़ी के जंगल में भी आग लगी है। यह जंगल पंचायती है। इस बार शीत काल में अभी तक जंगलों में आग लगने की एक दर्जन घटनायें घट चुकी है। जिसमें 10 हजार फिट की ऊचांई में मुनस्यारी के बुरफू और इसी ऊंचाई के कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में गूंजी के जंगलों की आग ने विकराल रूप लिया था।
    बुरफू में चार दिन बाद तो गूंजी में दो दिन बाद आग पर काबू पाया जा सका था। आग से उच्च हिमालयी वनस्पति और जड़ी बूटी नष्ट हुई थी। पंचाचूली की तलहटी के बुग्यालों में आग लगने की चार घटनाएं घाट चुकी है। पिथौरागढ़ रेंज में जंगलो में आग लगने की 6 घटनाएं हो चुकी है।

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