हिम तेंदुए की खाल बरामद, दो गिरफ्तार
धारचूला, जागरण कार्यालय : दुर्लभ हिम तेंदुए (स्नो लेपर्ड) की खाल समेत दो लोगों को एसएसबी के जवानों ने दबोच लिया। दुर्लभ माना जाने वाला सतुवा और साल मिश्री भी बरामद हुई। दोनों तस्कर इन्हें नेपाल ले जा रहे थे। दोनों को वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया। बरामद खाल की कीमत आठ लाख रुपये आंकी गई है।
गस्कू में तैनात एसएसबी को हिम तेंदुए की खाल नेपाल भेजे जाने की सूचना मिली थी। इस पर गस्कू चौकी के असिस्टेंट कमांडेंट विक्रम सिंह पठानिया ने काली नदी के किनारे जाल बिछा दिया। गस्कू के निकट वर्तीगाड़ के पास कुरीला गांव निवासी सुखराज सिंह और मनोज आगरी के सामान की तलाशी लेने पर हिम तेंदुए की आठ फीट लंबी और 26 इंच चौड़ी खाल बरामद हुई। आठ सौ ग्राम सतुवा और साढ़े छह किलोग्राम साल मिश्री (सालम पंजा) भी बरामद हुई।
पकड़े गए दोनों अभियुक्तों से एसएसबी कैंप धारचूला में पूछताछ की गई। धारचूला के सहायक सेनानी पीएल शर्मा ने बताया कि सुखराज सिंह ने हिम तेंदुए की खाल ब्यास घाटी के रौंगकौंग से लाए जाने की जानकारी दी, जिसे नेपाल भेजा जा रहा था। बरामद खाल की कीमत 8 लाख रुपये आंकी गई है। वहीं साढ़े छह किलो सालम पंजे की स्थानीय स्तर पर कीमत 16 हजार रुपये है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचते ही इसकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है। एसएसबी द्वारा इस मामले की सूचना तत्काल वन विभाग को दी गई। दोनों अभियुक्तों व बरामद माल को वन अधिकारियों को सौंप दिया गया है।
हिम तेंदुआ विलुप्त होती प्रजाति में शामिल है। इस कारण इसे रेड बुक में शामिल किया गया है। प्रभागीय वनाधिकारी डीटीजी संबद्धम ने बताया कि पिछले बीस वर्षो से हिम तेंदुओं की गणना नहीं हो पाई है। पता चला है कि इससे पूर्व 2009-10 में भी हिम तेंदुए की खाल पकड़ी गई थीं।
इनसेट
उच्च हिमालयी क्षेत्र की पारिस्थितिकी का हिस्सा है हिम तेंदुआ
पिथौरागढ़ : उच्च हिमालयी की पारिस्थितिकी बेहद संवेदनशील है। हिम तेंदुए को इसका अभिन्न हिस्सा माना जाता है। क्षेत्र में पाए जाने वाले भरल, बरड़, हिरण सहित अन्य जानवरों की आबादी बढ़ने पर यहां हिम स्खलन की आशंका बढ़ जाती है। हिम तेंदुआ इनका शिकार कर स्थिति नियंत्रण में बनाए रखता है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर