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    आज ऐसा क्‍या होगा कि एक पल के लिए गायब हो जाएगी हमारी परछाई, क्लिक करें..

    आज पृथ्‍वी पर एक करिश्‍मा होने वाला है। इस दिन कुछ ऐसा होगा कि एक पल के लिए हमारी परछाई गायब हो जाएगी। जानिए, ऐसा क्‍या होगा और क्‍यों।

    By BhanuEdited By: Updated: Tue, 21 Jun 2016 05:23 PM (IST)

    नैनीताल, [जेएनएन]: आज पृथ्वी पर एक करिश्मा होने वाला है। इस दिन कुछ ऐसा होगा कि एक पल के लिए हमारी परछाई गायब हो जाएगी। जानिए, ऐसा क्या होगा और क्यों।

    पृथ्वी की यह सामान्य प्रक्रिया है। पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाने के साथ अपने अक्ष पर भी घूमती है। वह अपने अक्ष में 23.5 डिग्री झुकी हुई है। जिस कारण सूर्य का प्रकाश धरती पर सदा एक समान नही पड़ता और दिन रात की अवधि में अंतर आता है।
    21 जून के दिन दोपहर में सूर्य बहुत उंचाई पर होता है। जिस कारण हमारी छायाएं भी वर्ष की सबसे छोटी होती हैं। इन दिनों का सूर्य का प्रकाश उत्तरी गोलार्ध में अधिक व दक्षिणी गोलार्ध में कम पड़ता है। जिस कारण गर्मी होती है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में सर्दी।
    इसके बाद 21 सितंबर के आसपास दिन व रात की अवधि बराबर हो जाती है। साथ ही दिन की अवधि रात के मुकाबले छोटी होने लगती है। यह प्रक्रिया 21 दिसंबर तक जारी रहती है। इस दिन रात वर्ष की सबसे लंबी होती है, जबकि दिन सबसे छोटा होता है।
    एक पल के लिए गायब हो जाती है परछाई
    धरती पर साल में ऐसा भी दिन आता है, जब हमारी परछाई एक पल के लिए शून्य हो जाती है। यह घटना कर्क रेखा पर आने वाले भूभाग में होती है। वह समय 21 जून को आता है जब सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है। यह बात स्थिर रूप से सीधी खड़ी रहने वाली वस्तु पर ही लागू होती है।
    कौटिल्य के अर्थशास्त्र में भी है इसका जिक्र
    भारतीय तारा भौतिक संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो आरसी कपूर के अनुसार खास बात यह है कि इसका जिक्र कौटिल्य के अर्थशास्त्र में भी दर्ज है। ग्रंथ अर्थशास्त्र 321-300 ई.पू. में चंद्रगुप्त मौर्य के सिहांसन पर बैठने के बाद लिखी गई थी। शौकिया वैज्ञानिक दिल्ली में कुतुबमीनार की छाया नापने जाते हैं। इस दिन कुतुबमीनार की छाया 0.9 मीटर की होती है।
    इसकी रोचकता यहीं खत्म नही हो जाती है। 2300 साल पहले ग्रीक वैज्ञानिक अराटोस्थेज ने इसी पद्धती से 21 जून के दिन पृथ्वी पर पड़ने वाली छाया को मापने का प्रयास किया था। इस वर्ष ग्रीष्म अयनंत का क्षण भारतीय समयानुसार सुबह 4.04 बजे है। भारत में इस समय रात हो रही होगी। बहरहाल कर्क रेखा पर स्थित उज्जैन में इस क्षण का उदाहरण काफी हद तक देखा जा सकता है।
    सबसे बड़ा दिन व रात का समय
    आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार ग्रीष्म अयनंत के दिन दिल्ली में दिन 13.58 घंटे का होगा जबकि रात 10.02 घंटे की होगी। श्रीनगर में दिन 14.25 घंटे रात 9.35 घंटे की, वहीं बंगलौर में दिन 12.54 व रात 11.6 घंटे की होगी।

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