गंगा प्रबंधन बोर्ड गठित नहीं करने पर केंद्रीय सचिव तलब
गंगा प्रबंधन बोर्ड का गठन न करने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्रीय जल संसाधन सचिव को 20 मार्च को समस्त रिकार्ड के साथ पेश होने के आदेश दिए हैं।
नैनीताल, [जेएनएन]: गंगा प्रबंधन बोर्ड का गठन करने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को और समय देने से इन्कार कर दिया। इस संबंध में दाखिल प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्रीय जल संसाधन सचिव को 20 मार्च को समस्त रिकार्ड के साथ पेश होने के आदेश दिए हैं। इधर, हाई कोर्ट ने गंगा और तटबंधों पर खनन बंदी के मामले में राज्य सरकार और स्टोन क्रशर स्वामियों को भी झटका दिया है। बंदी के खिलाफ उनकी पुनर्विचार याचिका अदालत ने खरिज कर दी।
देहरादून निवासी मोहम्मद सलीम ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर गंगा प्रबंधन बोर्ड के गठन का आदेश पारित करने की फरियाद की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आठ नवंबर, 2016 को केंद्र सरकार को तीन माह के भीतर गंगा प्रबंधन बोर्ड का गठन करने का आदेश दिया था।
सोमवार को न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। केंद्र सरकार की ओर से अदालत में एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर गंगा प्रबंधन बोर्ड के गठन के लिए अतिरिक्त समय देने का आग्रह किया गया। लेकिन, अदालत ने इसकी इजाजत नहीं दी। साथ ही केंद्रीय जल संसाधन सचिव को इससे संबंधित दस्तावेजों के साथ तलब किया है।
अदालत ने गंगा और उसके तटबंधों में खनन बंदी के आदेशों के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका की भी सुनवाई की। राज्य सरकार और क्रासर स्वामियों ने याचिका के पक्ष में जो तर्क दिए, अदालत ने उन्हें आधारहीन करार दिया और याचिका को खारिज कर दिया।
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