इन दिनों धरती के साथ सूर्य पर भी बढ़ गई है तपिश
सूर्य पर एम श्रेणी की कई सौर ज्वालाएं उठ चुकी हैं, जबकि दो विशाल सनस्पॉट ग्रुप अभी बने हुए हैं। आकार में यह दोनों पृथ्वी से बड़े हैं। इनसे ज्वालाएं उठने की आशंका बनी हुई है।
नैनीताल, [रमेश चंद्रा]: धरती के साथ सूर्य पर भी इन दिनों तपिश बढ़ गई है। पिछले दो दिनों में सूर्य पर एम श्रेणी की कई सौर ज्वालाएं उठ चुकी हैं, जबकि दो विशाल सनस्पॉट ग्रुप अभी बने हुए हैं। आकार में यह दोनों पृथ्वी से कई गुना बड़े हैं। इनसे ज्वालाएं उठने की आशंका बनी हुई है।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के वरिष्ठ सौर वैज्ञानिक डॉ. वहाबउद्दीन ने बताया कि पिछले कई दिनों से सूर्य के दोनों गोलार्ध में सनस्पाट ग्रुप बने हुए हैं। जिनमें शुक्रवार से सौर ज्वालाएं उठनी शुरू हो गई थीं, जो अभी तक जारी हैं। एम एक से लेकर एम पांच श्रेणी की कई भभूकाएं उठ चुकी हैं। अभी दो विशाल आकार के ग्रुप उभरे हुए हैं। जो आने वाले दिनों में सौर भभूकाओं में परिवर्तित हो सकती हैं।
इनसे निकलने वाले उच्च ऊर्जावान कणों को पृथ्वी की दिशा में आने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बहरहाल सौर वैज्ञानिकों की नजरें इन पर टिकी हुई हैं। यह 24वां सोलर चक्र चल रहा है। सूर्य इस चक्र के मिनिमम दौर से गुजर रहा है। पिछले लंबे अर्से से सूर्य शांत अवस्था से गुजर रहा था। यह सोलर चक्र वर्ष 2008 से शुरू हो गया था। इसकी अवधि 11 से 14 वर्ष के बीच रह सकती है। इस अवधि के बाद सोलर मैक्सिमा का चक्र शुरू होगा।
उपकरणों के लिए खतरनाक हैं सौर कण
सौर ज्वालाओं से निकलने वाले उच्च उर्जावान कण इलेक्ट्रॉनिक व इलेक्ट्रिकल उपकरणों के लिए बेहद खतरनाक हैं। उन्हें भारी क्षति पहुंचा सकते हैं। अंतरिक्ष में विचरते हमारे सेटेलाइट को भी इनसे बड़ा खतरा रहता है। जिस कारण सूर्य की प्रत्येक गतिविधि पर दुनियाभर के सौर वैज्ञानिकों की नजरें हमेशा लगी रहती हैं।
धु्रवीय क्षेत्र में मनमोहक अरोरा का कारण भी यही
सूर्य से निकलने वाले चार्ज पार्टिकल नुकसानदायक हैं तो हमारे ध्रुवीय क्षेत्रों में आकर्षक नजारा भी प्रदान करते हैं। धु्रवीय क्षेत्रों से टकराने के बाद रंग बिरंगे अरोरा बनाते हैं, जो बेहद मनमोहक होते हैं। जिन्हे देखने के लिए दुनियाभर से लोग ध्रुवीय क्षेत्रों में पहुंचते हैं।

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