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    तार में फंसा टाइगर, वन महकमें ने ऐसे किया काबू

    By BhanuEdited By:
    Updated: Thu, 02 Feb 2017 06:35 AM (IST)

    बेतालघाट ब्लॉक के तल्ली सेठी गांव में तार पर एक टाइगर फंस गया। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम पर उसने हमला भी बोला, लेकिन सभी बच गए। किसी तरह उसे काबू कर लिया गया।

    तार में फंसा टाइगर, वन महकमें ने ऐसे किया काबू

    नैनीताल, [जेएनएन]: जिले में पहली बार तार में फंसे टाइगर को पकड़ने के सफल ऑपरेशन को वन महकमे ने अंजाम दिया। इस दौरान टाइगर ने वन विभाग की टीम पर हमला भी बोला, लेकिन सभी बाल-बाल बच गए।

    बेतालघाट ब्लॉक के तल्ली सेठी गांव में वन क्षेत्राधिकारी तनुजा परिहार को लेपर्ड फंसने की सूचना मिली। तनूजा वहां पहुंची तो देखा कि लेपर्ड नही बाघ है। इस पर उन्होंने उच्चाधिकारियों को बताया।

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    इसके बाद नैनीताल चिड़ियाघर से डीएफओ धर्म सिंह मीणा, वन क्षेत्राधिकारी प्रकाश जोशी व पशु चिकित्सक डॉ योगेश भारद्वाज मौके के लिए रवाना हुए। कार्बेट टाइगर रिजर्व से 30 किमी दायरे में वहां टीम पहुची।

    डीएफओ मीणा ने बताया कि करीब छह साल का नार टाइगर मादा की तलाश में चला आया था। गांव के खेत में लगे तार में वह फंस गया। इसके बाद वह खंडहर में तब्दील धर्मशाला तक पहुंच गया।

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    उन्होंने बताया कि जैसे ही टीम मौके पर पहुंची तो उसने हमला बोल दिया। टाइगर के पैर में लकड़ी फंसी थी, इसलिए वह छलांग नहीं लगा पाया और सभी बाल-बाल बच गए।

    उन्होंने बताया कि मौके पर ग्रामीणों की भीड़ थी और टाइगर गुस्से में था। रेस्क्यू टीम भी डर गई। इसी बीच टाइगर फंसा है या नहीं, यह देखने को एक ग्रामीण को पेड़ पर चढ़ाया गया। साथ ही खतरे को जानने के लिए पटाखे फोड़े गए। इसके बाद ही रेस्क्यू शुरू किया गया।

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    उन्होंने बताया कि रेस्क्यू के लिए दो जेसीबी लाई गई। एक के शीशे टूटे थे, तो दूसरे को लगाया गया। जेसीबी का चालक सोनू डरा था, मगर डॉक्टर भारद्वाज ने उसे हिम्मत दी। तार में फंसे होने की वजह से वह दर्द से कराह रहा था।

    उन्होंने बताया कि डेनमार्क निर्मित अत्याधुनिक डबल बैरल गन से टाइगर को पहला डॉट दिया गया, पर वह बेहोश नही हुआ। आधे घंटे के बाद उसे दूसरा डॉट दिया गया। इस पर वह बेहोश हो गया। जैसे तैसे पिंजरे में डालने के बाद उसे नैनीताल के लिए रवाना किया गया। रस्ते में उसे होश आया था।

    डीएफओ ने बताया कि 2016 में ही नैनीताल चिड़ियाघर द्वारा 326 वन्य जीवों का रेस्क्यू किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जेसीएस खाती ने भी अधिकारियो को शाबासी दी है। उन्होंने बताया कि पूरे ऑपरेशन की डॉक्यूमेंट्री बनाई जाएगी।

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