अंतरराज्यीय शिकारी है कुख्यात दरिया
त्रिलोक रावत, रामनगर
कुख्यात वन्यजीव तस्कर दरिया बावरिया गिरोह का अंतरराज्यीय अपराधी है। इस गिरोह के सदस्य संगठित होकर बाघ या गुलदार के अवैध शिकार की घटना को अंजाम देते हैं। दरिया के साथ उसकी पत्नी सुंदर व परिवार के अन्य सदस्यों से भी बाघ एवं गुलदार की खाल व हड्डियां पूर्व में बरामद हो चुकी हैं। दरिया का बेटा रमेश व भाई तारा चंद्र भी अवैध शिकार के मामले में जेल में हैं।
दरिया उर्फ दरिया सिंह पुत्र जुगलाल बावरिया मूलत: हरियाणा में जनपद पंचकुला के ग्राम वासुदेवपुरा पिंजौर का रहने वाला है। वैसे तो उसने अन्य राज्यों में ही बाघ व गुलदार के शिकार की घटनाओं को अंजाम दिया, लेकिन उत्ताराखंड में पहली बार उसका नाम सीटीआर के बिजरानी जोन में बाघ के शिकार के मामले में सामने आया। उससे पहले दरिया सीटीआर की नजर में नहीं था। हरियाणा, उत्तार प्रदेश व बिहार में बाघों को मौत के घाट उतारने के बाद दरिया ने अपने मिशन के लिए पिछले साल मई में उत्ताराखंड में बाघों की राजधानी कार्बेट टाइगर रिजर्व को चुना।
दरिया 23 जुलाई 2000 को हरियाणा के पंचकुला में पत्नी सुंदर सहित गुलदार की खाल के साथ पकड़ा गया था। उसके बाद 18 नवंबर 2005 को यूपी में बहराइच के कटरीनाघाट रेंज में वह बावरिया गिरोह की दो महिलाओं सहित बाघ की खाल व हड्डियों के साथ पकड़ा गया। दिसंबर 2006 में दरिया बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघ की खाल के साथ पकड़ा गया। उसके बाद पिछले साल मई में उसके गिरोह के सदस्य सीटीआर के बिजरानी जोन में बाघ का अवैध शिकार करने में कामयाब रहे।
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