Move to Jagran APP

आपका स्मार्ट फोन बताएगा फल अच्छे हैं या खराब, जानिए कैसे

अब आपका स्‍मार्ट फोन फल की गुणवत्‍ता बताएगा। आइआइटी रुड़की के इंजीनियरों ने ऐसी तकनीकि का विकास किया, जो बताएगा कि फल अच्छे हैं या खराब।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 13 Oct 2017 09:07 PM (IST)Updated: Sat, 14 Oct 2017 04:05 AM (IST)
आपका स्मार्ट फोन बताएगा फल अच्छे हैं या खराब, जानिए कैसे
आपका स्मार्ट फोन बताएगा फल अच्छे हैं या खराब, जानिए कैसे

रुड़की, [रीना डंडरियाल]: आपका एंड्रॉयड फोन अब और ज्यादा स्मार्ट होने जा रहा है। अब तक आप एंड्रॉयड फोन के माध्यम से कॉल व वीडियो कॉल के अलावा वाट्सएप और सोशल साइट्स पर संदेशों का आदान-प्रदान ही कर पाते हैं, लेकिन आने वाले दिनों में आपका स्मार्ट फोन आपके स्वास्थ्य का भी ख्याल रखेगा। यह संभव हो सकेगा आइआइटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रुड़की के इंजीनियरों द्वारा विकसित की गई आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से।

loksabha election banner

 अक्सर फल खरीदते समय खरीदार को चिंता सताती रहती है कि वह अच्छा निकलेगा या खराब, स्वादिष्ट होगा या बेस्वाद। कई बार तो पेड़ पर लगे फलों के तोड़ने के समय को लेकर भी किसानों में संशय रहता है कि पता नहीं फल पका होगा या नहीं। ऐसे में सही पहचान नहीं हो पाने के कारण कई बार ग्राहकों के साथ किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ता है।

ग्राहकों और किसानों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए आइआइटी रुड़की के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. देवब्रत सरकार और उनकी टीम ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जो खरीदे जाने वाले फलों की गुणवत्ता की जानकारी आपको दे देगा। फिलहाल इस डिवाइस के माध्यम से सेब, पपीता और नारियल के अच्छे और खराब होने की पहचान की जा सकेगी। 

इस टेक्नोलॉजी को ईजाद करने वाले डॉ. सरकार ने बताया कि उन्होंने पेन ड्राइव नुमा एक पोर्टेबल वायरलेस डिवाइस तैयार की है। इस मेटल ऑक्साइड की एक डिवाइस में छोटे-छोटे 32 मेटल ऑक्साइड एंटीना लगाए गए हैं। इन फलों में वोलाटाइल (परिवर्तनशील) गैस होती है। स्मार्ट फोन में एप डाउनलोड करके जैसे ही उसे सेब, पपीता और नारियल के सामने ले जाएंगे, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल के जरिए डिवाइस बता देगा कि इन फलों की गुणवत्ता क्या है।

ये अच्छे हैं, खराब हैं या फिर थोड़ा खराब हैं। डॉ. सरकार के अनुसार फलों को बाहर से देखने पर अक्सर लोगों के लिए यह पहचान पाना मुश्किल होता है कि वह अच्छा है खराब, स्वादिष्ट होगा या नहीं। दूसरी तरफ फल पक गया है या नहीं, उसे पेड़ से तोड़ने का समय उचित है या अभी इंतजार करना होगा।

इसी के मद्देनजर वे ग्राहकों के साथ ही किसानों के लिए भी फोन के आकार की एक डिवाइस तैयार कर रहे हैं। इसे पेड़ पर लगे फलों के गुच्छों के सामने रखने पर अलार्म या सिग्नल के माध्यम से फल के बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी। डॉ. सरकार ने बताया कि इस डिवाइस को बनाने में एक हजार रुपये से भी कम लागत आई है। उनकी टीम में डॉ. पार्था रॉय और प्रो. एनपी पाठक शामिल हैं। 

 एक लाख नारियल में पता लग सकेगा कि कौन सा खराब

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के नारियल कृषि बोर्ड की ओर से डॉ. देवब्रत सरकार को नारियल के अच्छे या खराब होने की पहचान के लिए  टेक्नोलॉजी विकसित करने का प्रोजेक्ट दिया गया है। उन्होंने रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नोलॉजी के माध्यम से कोको स्मार्ट टेक्नोलॉजी विकसित की है। फिलहाल मोबाइल में डिवाइस का प्रयोग करके केवल कुछ नारियल के ही अच्छे या खराब होने की पहचान की जा सकती है। लेकिन, अब डॉ. सरकार एक बड़ी डिवाइस पर कार्य कर रहे हैं, जो एक साथ एक लाख नारियलों में से भी खराब नारियलों की पहचान कर देगी।

 यह भी पढ़ें: बीईजी सेंटर के पर्वतारोही दल ने सतोपंथ की चोटी पर फहराया तिरंगा

यह भी पढ़ें: बर्फीले तूफान ने रोका पर्वतारोहियों का रास्ता, केदारडोम पीक फतह कर लौटे 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.