तन-मन-धन से जरूरतमंदों की मदद कर रहा है यह संगठन
शिक्षानगरी के स्वयंसेवी संगठन 'समर्पण' अपने नाम के अनुरूप तन-मन-धन जरूरतमंदों की मदद के लिए समर्पित है।
रुड़की, [रीना डंडरियाल]: जैसा नाम वैसा ही काम भी। हम बात कर रहे हैं शिक्षानगरी के स्वयंसेवी संगठन 'समर्पण' की। जो अपने नाम के अनुरूप तन-मन-धन जरूरतमंदों की मदद के लिए समर्पित है। ताकि उनका जीवन स्तर ऊंचा उठाया जा सके। संगठन की ओर से किए जाने वाले स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और सेवा भावना से जुड़े कार्य शहरवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।
'समर्पण' जन कल्याण संगठन बीते 24 वर्षों से समाज सेवा के कार्यों में जुटा हुआ है। वर्तमान में इस संगठन के 70 सदस्य हैं। इनमें 90 फीसद व्यापारी और शेष चिकित्सा के क्षेत्र से हैं। संगठन की खास बात यह है कि इसमें 20 साल के युवा से लेकर 60 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं। संगठन की ओर से समय-समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। समर्पण के पदाधिकारी और सदस्य स्वयं तो रक्तदान कर जरूरतमंदों को नया जीवन दे ही रहे हैं, दूसरे लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं।
सिविल अस्पताल और आइएमए के सहयोग से यह शिविर लगाए जाते हैं। वहीं कैंसर व शुगर जैसी बीमारियों से पीडि़त लोगों की स्वास्थ्य जांच के लिए समय-समय पर शिविरों का आयोजन भी किया जाता है। जरूरतमंदों की मदद के लिए संगठन की ओर से एक एंबुलेंस भी चलाई जा रही है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को जहां इसकी सुविधा निश्शुल्क मिलती है। वहीं, अन्य लोग भी काफी रियायती दरों पर इसका उपयोग करते हैं। इसके अलावा बीते एक दशक से संगठन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।
अब तक संगठन गंगनहर किनारे, आदर्शनगर, जीआइसी के समीप, रामनगर सहित कई अन्य स्थानों पर सात सौ से अधिक पौधे लगा चुका है। 'समर्पण' का लक्ष्य हर साल 20-25 पौधे लगाने का होता है। संगठन के पदाधिकारी मात्र औपचारिकता के लिए ही पौधरोपण नहीं करते, रोपे गए पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी भी लेते हैं। रोपित पौधों को प्रतिदिन खाद-पानी दिया जाता है। कांवड़ यात्रा के दौरान संस्था की ओर से दस दिन तक कांवड़ पटरी पर कांवड़ियों की सेवा के लिए कैंप भी लगाया जाता है। यहां कांवड़ियों के लिए ठहरने और भोजन के पूरे इंतजाम होते हैं। साथ ही उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं भी मुहैया करवाई जाती हैं।
संस्था के अध्यक्ष नरेश यादव के अनुसार उनके संगठन से जुड़ा प्रत्येक सदस्य समाज सेवा के लिए पूर्णरूप से समर्पित है। हर सदस्य अपनी क्षमता के अनुसार संगठन के सफल संचालन के लिए अपना-अपना सहयोग देता है। इसके साथ ही कई दानदाता भी संस्था को आर्थिक रूप से सहयोग करते हैं।
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