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    तीर्थ से पहले कूड़े के दर्शन

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में हर रोज हजारों लोग तीर्थ दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन

    By Edited By: Updated: Thu, 16 Oct 2014 07:21 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में हर रोज हजारों लोग तीर्थ दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन तीर्थ से पहले श्रद्धालुओं को कचरे के दर्शन हो रहे हैं। कारण शहर के सभी प्रवेश द्वारों पर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर कचरे के ढेर लगे रहते हैं। यहां गंदगी फैलाने वाले और कोई नहीं, मेहमानों की खातिरदारी करने वाले होटल, रेस्टोरेंट और ढ़ाबा संचालक ही हैं। वहीं नगर निगम भी सब देखने के बावजूद खामोश है।

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    दो अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जिस तरह धर्मनगरी के लोगो ने उत्साह दिखाया था, उसे देख कर लगा रहा था कि हरिद्वार को धर्मनगरी के साथ साथ स्वच्छ नगरी की उपाधि भी जल्द मिल जाएगी। इस दिन स्वच्छता का संकल्प लेने वालों में शहर के होटल, रेस्टोरेंट और ढ़ाबा संचालक भी किसी से पीछे नहीं थे। पर 15 दिन बीते नहीं कि पुरानी आदतें और व्यवस्थाएं फिर से हावी होने लगीं। और इसका परिणाम शहर के तीनों प्रवेश मार्गो, पुल जटवाड़ा, भूपतवाला, चंडी घाट तीनों स्थानों पर आ रहा है।

    गौरतलब है कि धर्मनगरी में तीर्थ दर्शनों के लिए आने वाले लोगों की खातिरदारी में के लिए शहर के बाहर हर ओर बड़े होटलों से लेकर छोटे ढ़ाबों की लंबी लाइनें हैं। यहां यात्री ठहरते भी हैं और भोजन भी करते हैं। पर इन्हीं होटल, रेस्टोरेंट और ढ़ाबा संचालकों की लापरवाही के चलते श्रद्धालुओं को तीर्थो से पहले कचरे के दर्शन करने पड़ रहे हैं। कारण ढ़ाबों से निकलने वाली गंदगी को संचालक निस्तारित करने की बजाय सड़कों के किनारे ही लाकर पटक देते हैं। देहरादून की ओर से आते हुए पुराने आरटीओ के पास कई होटल व रेस्टोरेंट हैं। और इन्हीं रेस्टोरेंट से थोड़ी दूर कचरे के ढेर लगे हुए हैं, जो इन्हीं रेस्टोरेंट आदि से निकलता है। यही हाल मोतीचूर रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाले मार्ग पर कभी है। रुड़की की ओर से आने भी शहर के प्रवेश से पहले कई होटल व ढ़ाबे हैं, पर इनकी गंदगी भी कूड़ेदान में पहुंचने की बजाय सड़कों पर ही नजर आती है। यदि नजीबाबाद की ओर से कोई व्यक्ति आए तो चंडी पुल से पहले ही उसे कचरे के ढेर नजर आने लगते हें।

    वहीं दूसरी ओर नगर निगम इस कचरे को देखकर भी अनदेखा कर रहा है। नतीजतन शहर में घुसते ही श्रद्धालुओं को गंदगी से मुखातिब होना पड़ा है। धर्मनगरी को स्वच्छनगरी बनाने का संकल्प सभी ने साथ मिलकर लिया था और इसे अगर पूरा करना है, सभी को साथ मिलकर प्रयास करने होंगे।