होलिका दहन शाम 5.31 तक, जानिए रंगों का राशियों पर असर
फाल्गुन पूर्णिमा (होली) 22 मार्च यानी आज से शुरू हो जाएगी, लेकिन भद्रा काल के चलते होलिका दहन 23 मार्च को ही होगा और 24 मार्च को दुल्हेंडी यानी रंग वाली होली होगी।
देहरादून। 22 मार्च से शुरू हुई फाल्गुन पूर्णिमा (होली) में भद्रा काल के चलते होलिका दहन आज शाम 5.31 तक ही हो सकेगा। कल सुबह से दुल्हेंडी यानी रंग वाली होली होगी।
आचार्य संतोष खंडूड़ी के अनुसार मंगलवार दोपहर 3.13 बजे पूर्णिमा भद्रा के साथ शुरू हुई। भद्रा काल आज सुबहर 4.20 तक रहा, वहीं पूर्णिमा शाम 5.31 बजे तक है। भद्रकाल में होलिका दहन अशुभ माना जाता है। इस काल में पूजन भी नहीं करना चाहिए। इसलिए सुबह 4.21 से शाम साढ़े पांच बजे तक होलिका दहन का शुभ समय है।
भृगु ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के पंडित राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि भद्रा में होलिका दहन से समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए शास्त्रों में यह पूरी तरह वर्जित है। दिन में भी होलिका दहन किया जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार होलिका का दहन दिन में ही हुआ था। आचार्य सुशांत राज ने बताया कि स्थिर लगन में होलिका दहन शुभ होता है। यह लगन सुबह 4.21 से शाम 5.40 तक रहेगा। शाम 4.55 से 5.31 तक भी होलिका दहन के लिए श्रेष्ठ समय है।
ऐसे करें पूजा
हल्दी की गांठ, उपले, फलों, सब्जी आदि की माला बनाकर धारण करें। होलिका दहन से पूर्व नारियल, सुपारी, जायफल और आठ गोमति चक्र लेकर गुलाबी रंग से होलिका का पूजन करें। इसके बाद होलिका के चारों तरफ आठ दीये जलाएं और सभी सामग्री को होलिका के ऊपर अर्पण कर दें।
इन रंगों से खेलें होली (आचार्य संतोष खंडूड़ी के अनुसार राशि के अनुसार इन रंगों से होली खेलने पर जीवन में तरक्की होगी, उलझनें समाप्त होंगी और परस्पर प्रेमी भावना बढ़ेगी।)
मेष: लाल और पीला
वृष: सफेद, नीला
मिथुन: हरा और सफेद
कर्क: पीला, हरा और सफेद
सिंह: गुलाबी, हरा और पीला
कन्या: हरा, पीला और सफेद
तुला: सफेद, हरा और नीला
वृश्चिक: लाल, पीला, नीला
धनु: पीला, हरा, लाल
मकर: सफेद, लाल, नीला
कुंभ: सफेद, लाल, नीला
मीन: पीला, सफेद, हरा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।