Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साढ़े छह हजार फीट ऊंची पहाड़ी को हराभरा करने को आगे आए युवा

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 27 Jul 2017 08:55 PM (IST)

    मसूरी में साढ़े छह हजार फीट ऊंची देबीकोल पहाड़ी को हराभरा करने के लिए ग्रामीण युवा आगे आए हैं। युवाओं ने पहल करते हुए पहाड़ी पर गहन पौधरोपण शुरू कर दिया है।

    साढ़े छह हजार फीट ऊंची पहाड़ी को हराभरा करने को आगे आए युवा

    मसूरी, [जेएनएन]: साढ़े छह हजार फीट ऊंची देबीकोल पहाड़ी को हराभरा करने के लिए ग्रामीण युवा आगे आए हैं। जौनपुर विकासखंड की कांडी ग्रामसभा के युवाओं ने पहल करते हुए पहाड़ी पर गहन पौधरोपण शुरू कर दिया है। 

    दिल्ली-यमुनोत्री नेशनल हाईवे संख्या-507 के अगलाड़ पुल, खरसोन क्यारी व सुमन क्यारी से लगभग दस किमी की खड़ी चढ़ाई की दूरी पर स्थित देबीकोल पहाड़ी के पूर्वी हिस्से में कोई पेड़ पौधे नहीं हैं, जबकि उत्तर-पश्चिमी हिस्से में अनेकों सदाबहार प्रजातियों के पेड़ हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कांडी मल्ली गांव के सेवानिवृत्त फौजी नागेंद्र सिंह रावत, बिजेंद्र सिंह रावत, गुरदयाल सिंह, रोशन सिंह, तल्ली गांव के आनंद सिंह, अनिल सिंह, जगमोहन सिंह आदि ने एक समिति बनाई और अपने करीबियों व जानने वालों से पौधों, एंगल, ट्रीगार्ड व लोहे की जालियों के लिए पैसे एकत्रित किए। बिजेंद्र सिंह रावत बताते हैं कि जिनके पास भी वह देबीकोल पहाड़ी पर पौधरोपण करने का प्रस्ताव लेकर गए, सभी ने स्वैच्छा से आर्थिक सहयोग किया। 

    फंड एकत्रित होने पर एंगल, लोहे की जाली क्रय करने के बाद सदाबहार प्रजाति के पेड़ों की पौध का इंतजाम किया गया। बिजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि वह मसूरी वन प्रभाग के पास पौधरोपण का प्रस्ताव लेकर गए थे, लेकिन उन्होंने इस साल पौधरोपण में सहयोग करने में असमर्थता जताई, तो युवाओं ने ठान लिया कि अपने बूते ही पौधरोपण करेंगे। 

     

    मसूरी वन प्रभाग के डीएफओ साकेत बडोला का कहना है कि पौधरोपण के लिए वन विभाग पूरा सहयोग करने को तैयार है। फिलहाल मसूरी वन प्रभाग के पास सीमित मात्रा में पौध बची है। भविष्य में वन विभाग पूरा सहयोग करने को तत्पर रहेगा।

     

    यह भी पढ़ें: हिमालयी क्षेत्र में मिलने वाली कीड़ाजड़ी उगी दून की दिव्या की लैब में

     यह भी पढ़ें: एफआरआइ की रिपोर्ट: राष्ट्रपति भवन के 35 फीसद पेड़ खोखले