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नई केदारपुरी के निर्माण कार्यों को उत्तराखंड कैबीनेट की मंजूरी

केदारनाथ धाम में बनाई जा रही नई केदारपुरी के निर्माण कार्यों त्रिवेंद्र रावत मंत्रीमंडल ने मंजूरी दे दी। इसके अलावा खनन को ई-टेंडरिंग से बाहर करने समेत कई अहम फैसले लिए गए।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 26 Oct 2017 08:19 AM (IST)Updated: Thu, 26 Oct 2017 09:41 PM (IST)
नई केदारपुरी के निर्माण कार्यों को उत्तराखंड कैबीनेट की मंजूरी
नई केदारपुरी के निर्माण कार्यों को उत्तराखंड कैबीनेट की मंजूरी

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: केदारनाथ धाम में बनाई जा रही नई केदारपुरी के निर्माण कार्यों के लिए 16 बिंदुओं की गाइडलाइन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉंसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत होने वाले निर्माण कार्यों के लिए ऑनलाइन डोनेशन की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में नई केदारपुरी का शिलान्यास किया था। त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल ने नई केदारपुरी की कार्ययोजना पर अपनी मुहर लगा दी। वहीं राज्य के पर्वतीय जिलों में अब राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य मार्ग के इर्द-गिर्द 200 मीटर के दायरे में स्थित राजस्व गांव अब जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण का हिस्सा होंगे। 

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यानी इन राज्यमार्गों के दोनों ओर अब वाणिज्यिक-व्यावसायिक भवनों के साथ ही एक से ज्यादा आवासीय भवनों के लिए मानचित्र स्वीकृत कराना जरूरी होगा। उक्त 200 वर्गमीटर के भू-भाग में सिर्फ एकल या संयुक्त परिवार के आवासीय भवन और 30 वर्ग मीटर तक एक व्यावसायिक दुकान को मानचित्र पास कराने से छूट मिलेगी। 

वहीं राज्य में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों को विस्थापन की स्थिति में भवन निर्माण के लिए तीन लाख के बजाए चार लाख रुपये दिए जाएंगे। विधायकों को विधायक निधि से कराए जाने वाले कार्यों में राहत दी गई है। अब निर्माण कार्यों में सिंगल प्रोजेक्ट कॉस्ट की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने का निर्णय लिया गया है। 

त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल की सचिवालय में चली बैठक में आपदा प्रभावितों, विधायकों को राहत दी गई तो खड़िया के खनन को ई-टेंडरिंग से बाहर कर पुरानी व्यवस्था बहाल करने समेत कई अहम फैसले लिए गए। 

सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी ने नई केदारपुरी के निर्माण कार्यों को अंजाम देने और उसके अनुश्रवण को लेकर कार्ययोजना बनाई गई है। मंत्रिमंडल ने इस पर अपनी मुहर लगा दी। 

सीएसआर से कराए जाने वाले निर्माण कार्यों को लेकर जिंदल औद्योगिक समूह के साथ राज्य सरकार एमओयू करेगी। इसके लिए बैंक में खाता खोला जाएगा। पर्यटन सचिव को निर्माण कार्यों का नोडल अधिकारी बनाया गया है। निम एक कार्यदायी संस्था के तौर पर काम करेगा। बर्फबारी के दौरान निर्माण कार्यों के लिए दरें तय की जाएंगी। 

केदारनाथ विकास प्राधिकरण के साथ सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड भी उक्त कार्यों के लिए जुड़ेंगे। प्राधिकरण के कार्यालय केदारनाथ व गुप्तकाशी में होंगे। केदारनाथ में स्मृति वन भी बनाया जाएगा। निर्माण कार्यों समेत तमाम मामलों में फैसले लेने के लिए मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। 

ब्रिडकुल का रूप ले चुके राज्य अवस्थापना विकास निगम में 46 पद बढ़ाने और पहले से मौजूद तीन पद घटाने का मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया। पुनर्गठन के बाद ब्रिडकुल का संरचनात्मक ढांचा 223 पद का हो गया है। इसमें उप महाप्रबंधक के दो, परियोजना प्रबंधक का एक और कनिष्ठ अभियंता के सात पद सृजित किए गए हैं। 

निर्माण व पर्यवेक्षण मुख्य महाप्रबंधक, आइटी महाप्रबंधक व पीपीपी मोड महाप्रबंधक के पद समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। प्रेस ब्रीफिंग में नए मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह व वित्त सचिव अमित नेगी मौजूद थे। 

कैबिनेट के फैसले:

-पर्वतीय जिलों में राजमार्गों के इर्द-गिर्द भवन मानचित्र अनिवार्य

-ऋषिकेश और कोटद्वार को नगर निगम बनाने का फैसला

-विधायक निधि से कराए जाने वाले कार्यों की सिंगल प्रोजेक्ट कॉस्ट की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख

-विधायक निधि से वर्क ऑर्डर पर कराए जाने वाले निर्माण कार्य की सीमा तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये

-आपदा प्रभावित परिवारों को विस्थापन होने पर भवन निर्माण को तीन लाख के बजाय मिलेंगे चार लाख रुपये

-विधानसभा का शीतकालीन सत्र भराड़ीसैंण में सात दिसंबर से 13 दिसंबर तक

-गंगा नदी पर उत्तरकाशी में गंगोरी से बढ़ेती चुंगी के 10 किमी क्षेत्र और हरिद्वार से लक्सर तक 50 किमी क्षेत्र को बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण (फ्लड प्लेन जोनिंग) की अंतिम अधिसूचना जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी

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