देहरादून और नैनीताल में बसेगी तितलियों की तिलस्मी दुनिया
तितलियों की तिलस्मी दुनिया में रुचि रखने वालों के लिए अच्छी खबर। अब वे लच्छीवाला (देहरादून) और बॉटनिकल गार्डन (नैनीताल) में आसानी से तितलियों के रंग-बिरंगे संसार का दीदार कर सकेंगे।
केदार दत्त, देहरादून
तितलियों की तिलस्मी दुनिया में रुचि रखने वालों के लिए अच्छी खबर। अब वे लच्छीवाला (देहरादून) और बॉटनिकल गार्डन (नैनीताल) में आसानी से तितलियों के रंग-बिरंगे संसार का दीदार कर सकेंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद वन महकमे ने इन दोनों स्थानों पर बटरफ्लाई पार्क के लिए कवायद शुरू कर दी है। प्रारंभिक सर्वे में पता चला कि लच्छीवाला में तितलियों की 100 से ज्यादा प्रजातियां हैं, जबकि नैनीताल में 80 से अधिक। वन विभाग का दावा है कि दो वर्ष के भीतर दोनों बटरफ्लाई पार्क शबाब पर होंगे।
जैव विविधता के लिए मशहूर 71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में तितलियों का मोहक संसार बसता है। देशभर में पाई जाने वाली तितलियों की 1300 प्रजातियों में से 500 से अधिक उत्तराखंड में मिलती हैं। जाहिर है, सूबे में आने वाले सैलानियों को भी तितलियों का संसार आकर्षित करता है।
मुख्यमंत्री ने भी एक अक्टूबर को वन्यप्राणी सप्ताह के दौरान सूबे में दो बटरफ्लाई पार्क बनाने की घोषणा की। इसके बाद कसरत शुरू हुई और वन महकमे ने गढ़वाल मंडल में देहरादून वन प्रभाग के अंतर्गत लच्छीवाला और कुमाऊं में नैनीताल के बॉटनिकल गार्डन का चयन किया गया।
मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) धनंजय मोहन के मुताबिक यह पार्क लच्छीवाला में लच्छीवाला पर्यटक स्थल से एक किमी के फासले पर पांच हेक्टेयर वन क्षेत्र में बनाया जाएगा। कोशिश यह है कि दोनों पार्क अगले वित्तीय वर्ष तक अस्तित्व में आ जाएं।
होस्ट प्लांट पर अंडे देती हैं तितलियां
मुख्य वन संरक्षक धनंजय मोहन के अनुसार तितलियां अंडे देने के लिए खास प्रजाति के पेड़ चुनती हैं। इन पेड़ों को होस्ट प्लांट कहा जाता है, जबकि जिन पेड़ों के फूलों का रस भोजन के रूप में सेवन करती हैं उन्हें नेक्टर प्लांट। उन्होंने बताया कि लच्छीवाला और नैनीताल के बटरफ्लाई पार्कों में होस्ट व नेक्टर दोनों ही प्लांट लगाए जाएंगे। लच्छीवाला में तो इसके लिए खासा बड़ा मैदान है।
नैनीताल में 10 साल पहले भी हुई थी कोशिश
नैनीताल के बॉटनिकल गार्डन में 10 साल पहले भी बटरफ्लाई पार्क की कोशिश हुई थी, लेकिन तब यह परवान नहीं चढ़ पाई। अब इसी स्थल को बटरफ्लाई पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उत्तराखंड में पाई जाने वाली प्रमुख प्रजातियां
इंडियन मोरमोन, प्लेन टाइगर, स्ट्राइप्ड टाइगर, ब्ल्यू टाइगर, ग्लॉसी टाइगर, लाइन बटरफ्लाई, कॉमन रोज, कैबेस व्हाइट, स्पॉटेड स्वार्ड टेल, लाइम बटरफ्लाई, कॉमन लेपर्ड, बैरोनेट आदि।
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