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उत्‍तराखंड स्टिंग को लेकर विवादों में रहे यादव की ऊर्जा निगम में फिर ताजपोशी

ट्रांसफार्मर खरीद में गड़बड़ी व स्टिंग को लेकर विवादों में रहे ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक एसएस यादव को राज्‍य सरकार ने तीन माह का सेवा विस्तार दिया है।

By gaurav kalaEdited By: Published: Sun, 24 Jul 2016 12:37 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2016 06:00 AM (IST)

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य सरकार ने ट्रांसफार्मर खरीद में गड़बड़ी व स्टिंग को लेकर विवादों में रहे ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक एसएस यादव को जहां दोबारा से तीन माह का सेवा विस्तार दे दिया, वहीं झारखंड के एक हाईडिल मरम्मत घोटाले में फंसे जलविद्युत निगम के एमडी एसएन वर्मा को पुरस्कार देते हुए पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी।
प्रमुख सचिव ऊर्जा डॉ. उमाकांत पंवार ने इसके आदेश जारी कर दिए। हालांकि, उन्होंने उक्त दोनों पदों के लिए जल्द नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की बात भी कही।

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प्रदेश के बिजली निगमों में सर्वोच्च पदों पर बैठे उक्त दोनों अधिकारी अलग-अलग विवादों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। 23 फरवरी, 2013 को एसएस यादव पिटकुल के प्रबंध निदेशक पद पर नियुक्त हुए थे। सितंबर, 2013 में उन्हें ऊर्जा निगम का भी चार्ज दे दिया गया।
दोहरे वित्तीय लाभ से आए थे चर्चा में
13 मई, 2014 में उन्हें ऊर्जा निगम का एमडी बनाते हुए पिटकुल का भी चार्ज दे दिया। यादव का कार्यकाल छह माह पहले ही पूरा हो गया था, मगर सरकार ने उन्हें छह माह का एक्सटेंशन दे दिया। यादव पहली बार हरियाणा बिजली निगम से पेंशन व उत्तराखंड से वेतन का दोहरा वित्तीय लाभ लेने के आरोप में चर्चा में आए थे।

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इसके बाद ट्रांसफार्मर खरीद में गड़बड़ी व एक स्टिंग ऑपरेशन को लेकर भी वह सुर्खियों में रहे। उक्त कथित स्टिंग सीडी में वह नोटों के बंडल लेते हुए दिखाई दे रहे थे। साथ ही, विपक्ष भाजपा के भी लगातार निशाने पर रहे। अलबत्ता, 25 जुलाई को छह माह के सेवा विस्तार की अवधि खत्म होने से ऐन पहले शनिवार को सरकार ने तीन माह के लिए फिर से उनकी ताजपोशी ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक पद पर कर दी।
सिकिदरी हाईडिल घोटाले में भी आया था नाम
उधर, उत्तराखंड जलविद्युत निगम के प्रबंध निदेशक एसएन यादव भी झारखंड बिजली बोर्ड में हुए सिकिदरी हाईडिल मरम्मत घोटाले को लेकर विवादों में रहे। उनके विरुद्ध एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से भ्रष्टाचार का मुकदमा भी दर्ज किया गया था। यह दीगर बात है कि प्रदेश सरकार ने जलविद्युत निगम के एमडी एसएन यादव को भी पुरस्कार से नवाजते हुए पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के एमडी की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी है।

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