जीएसटी पर केंद्र के हमकदम हुआ उत्तराखंड, मिलेगा ज्यादा कर राजस्व
राज्य सरकार ने विधानसभा के दो दिनी विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार को एसजीएसटी विधेयक पेश किया। नई व्यवस्था लागू होने से राज्य को करीब एक हजार करोड़ ज्य ...और पढ़ें

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: बहुप्रतीक्षित राज्य माल एवं सेवा कर (एसजीएसटी) एक्ट लागू करने की दिशा में उत्तराखंड ने सोमवार को एक कदम बढ़ा दिया। जीएसटी प्रणाली से कर आमदनी बढ़ने को लेकर उत्साहित राज्य सरकार ने विधानसभा के दो दिनी विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार को एसजीएसटी विधेयक पेश किया। सरकार की मानें तो नई व्यवस्था लागू होने से राज्य को करीब एक हजार करोड़ ज्यादा कर राजस्व मिल सकेगा।
देशभर में करों में एकरूपता की दिशा में जीएसटी के रूप में केंद्र की मोदी सरकार की महत्वपूर्ण पहल के साथ उत्तराखंड भी जुड़ गया। जीएसटी में 17 प्रकार के कर समाहित किए गए हैं। जीएसटी काउंसिल से अनुमोदित एसजीएसटी विधेयक मंगलवार को सदन में पारित हो जाएगा।
सोमवार को सदन में विधेयक पेश करने के बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि एसजीएसटी विधेयक विधानसभा में पारित होने के बाद इसकी नियमावली के संबंध में कार्यवाही होगी। जीएसटी लागू करने के लिए विधायकों से लेकर कार्मिकों और कारोबारियों को विभिन्न स्तर पर व्यापक प्रशिक्षण के लिए बंदोबस्त किया गया है। जीएसटी में करों के चार स्लैब पांच फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद व 28 फीसद हैं। वस्तुओं पर कर की दरों के इन स्लैब का निर्धारण जीएसटी काउंसिल की 18 व 19 मई को प्रस्तावित बैठक में होगा।
विधेयक में कुल 21 अध्याय
कुल 21 अध्याय और 174 धाराओं में बुना गया जीएसटी विधेयक में करों को लेकर अपील व पुनरीक्षण का प्रावधान भी है। वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी में अब तक राज्य में वैट के तहत पंजीकृत 97907 डीलर्स में से वर्तमान में 75478 यानी 78 फीसद डीलर्स नामांकन करा चुके हैं। शेष 22 फीसद का भी जल्द नामांकन होगा।
जीएसटी में राजस्व संग्रह
वैट से वर्ष 2015-16 में कुल 6096.24 करोड़ कर राजस्व मिला था, जो वर्ष 2016-17 में 17.18 फीसद बढ़कर 7143.35 करोड़ हो गया। जीएसटी में राजस्व हानि की राज्यों को प्रतिपूर्ति वर्ष 2015-16 को आधार वर्ष मानते हुए 14 फीसद राजस्व वृद्धि के मुताबिक केंद्र करेगा। जीएसटी से राज्य को सेवा कर से भी अतिरिक्त कर मिलेगा। इस वजह से राज्य को केंद्र से प्रतिपूर्ति की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उद्योगों को एक्साइज ड्यूटी छूट:
-राज्य में सिडकुल के तहत 31 मार्च, 2010 तक लगी औद्योगिक इकाइयों को दस वर्ष यानी 31 मार्च, 2020 तक एक्साइज ड्यूटी में छूट मिली हुई है। जीएसटी में इस छूट का प्रावधान नहीं होने के बावजूद केंद्र सरकार ने ऐसी इकाइयों के लिए सीजीएसटी के 58 फीसद तक रिफंड आधारित छूट का प्रावधान किया है। शेष 42 फीसद छूट का वहन राज्य सरकार खुद करेगी।

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