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परिवहन समेत सात निगमों को भी मिलेगा सातवां वेतनमान

उत्तराखंड में परिवहन समेत सात निगमों में सातवें वेतनमान के लिए शासन ने हरी झंडी दिखा दी। इसके लिए गठित समिति की संस्तुतियों को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुहर लगने की उम्मीद है।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 28 Sep 2017 09:26 AM (IST)Updated: Thu, 28 Sep 2017 09:59 PM (IST)
परिवहन समेत सात निगमों को भी मिलेगा सातवां वेतनमान

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड में परिवहन समेत सात निगमों के कार्मिकों को सातवें वेतनमान का रास्ता साफ हो गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासन की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इन निगमों में सातवां वेतनमान देने की संस्तुति की है। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया है कि सभी निगम अपने संसाधन इस वित्तीय व्ययभार का वहन करेंगे। 

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इतना ही नहीं समिति ने इन सात निगमों में सीधी भर्ती के रिक्त पदों को भी फ्रीज करने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि शासन की अनुमति के बाद ही आवश्यक पदों पर भर्ती व चयन प्रक्रिया अपनाई जाए। समिति की संस्तुतियों को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुहर लगने की उम्मीद है।

राज्य निगम कर्मचारी महासंघ समेत विभिन्न निकाय कर्मचारी संगठन सातवें वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलित हैं। कुछ समय पूर्व इन संगठनों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। इस पर शासन ने 22 सितंबर को राज्य में सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं के कार्मिकों को सातवां वेतनमान की स्वीकृति के संबंध में मुख्य सचिव एस रामास्वामी की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक बुलाई थी। इसका कार्यवृत्त जारी कर दिया गया।

समिति ने निगमों की बैलेंस शीट, गत वर्षों के आय-व्यय का आकलन और निगम के आर्थिक संसाधनों में वृद्धि के लिए प्रस्तावित कार्ययोजना पर सहमति व्यक्त की। इन निगमों के कार्मिकों को सशर्त सातवां वेतनमान देने की संस्तुति की है। 

यह भी स्पष्ट किया गया है कि समति की संस्तुति के क्रम में सबंधित प्रशासकीय विभाग इन निगमों को सातवां वेतनमान स्वीकृति का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के सामने पेश करेंगे।

एक अहम निर्णय के तहत समिति ने इन निगमों में सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर भर्ती पर रोक लगा दी है। यह स्पष्ट किया गया है कि यदि परियोजनाओं के संचालन हेतु कर्मचारियों की आवश्यकता है और जिन पदों पर चयन प्रक्रिया चल रही है, ऐसे पदों पर शासन से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही कार्रवाई की जाए। जिन पदों पर आउट सोर्स कर्मचारियों के जरिए कार्य लिया जा रहा है, ऐसे कर्मचारियों को शासनादेश के अनुसार ही नियत मानदेय दिया जाए। 

समिति ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्वीकृत पदों की परिधि में ही आउट सोर्स से कर्मचारियों की तैनाती की जाए। राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संतोष रावत व महासचिव रवि पचौरी ने उम्मीद जताई कि आगामी कैबिनेट में इस पर मुहर लग जाएगी। 

इन निगमों के लिए संस्तुति

-उत्तराखंड परिवहन निगम

-उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड

-ब्रिज, रोपवे, टनल एवं अदर इन्फ्रास्ट्रक्चर (ब्रिडकुल)

-उत्तराखंड अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम

-उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र

-कुमाऊं मंडल विकास निगम

-गढ़वाल मंडल विकास निगम

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