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दुष्कर्म की शिकार के पुत्र को प्रतिकर, आरोपी को सात साल की सजा

न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपी को सात साल कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी को पीड़िता के पुत्र का जैविक पिता मानते हुए ढाई लाख रुपये बतौर प्रतिकर देने का भी आदेश दिया।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 24 Nov 2017 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 24 Nov 2017 09:06 PM (IST)
दुष्कर्म की शिकार के पुत्र को प्रतिकर, आरोपी को सात साल की सजा
दुष्कर्म की शिकार के पुत्र को प्रतिकर, आरोपी को सात साल की सजा

देहरादून, [जेएनएन]: दून में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही उधमसिंहनगर की युवती को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के दोषी को अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय गुरुबख्श सिंह की अदालत ने सात साल कठोर कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। 

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दुष्कर्म के बाद युवती गर्भवती हो गई थी और बाद में उसने पुत्र को जन्म भी दिया। अदालत ने दोषी को पीड़िता के पुत्र का जैविक पिता मानते हुए ढाई लाख रुपये बतौर प्रतिकर पीड़िता को देने का भी आदेश दिया है। सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि जैविक पुत्र को प्रतिकर देने का देहरादून में यह पहला फैसला है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने अदालत को बताया कि पीड़िता उधमसिंहनगर की रहने वाली है। वह 2010 में वह यहां आइपीएस परीक्षा की तैयारी करने आई। 29 नवंबर 2010 को ऊधमसिंहनगर जाने के दौरान ट्रेन में उसकी मुलाकात कोच अटेंडेंट आनंद कुमार पांडे पुत्र राजीव पांडेय निवासी विजयनगर सिरातू निकट रेलवे स्टेशन इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) से हुई। 

मुलाकात के दौरान दोनों में जान-पहचान हो गई और मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान हुआ। इसके बाद आनंद पीडि़ता से हरिद्वार, पौड़ी और देहरादून में कई बार मिला और दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खाईं। इस दौरान आनंद ने शादी का झांसा देकर पीड़िता से कई बार शारीरिक संबंध बनाए। यह सिलसिला चलता रहा और दिसंबर 2015 में देहरादून में फिर दोनों की मुलाकात हुई। 

यहां फिर उसने पीडि़ता से शारीरिक संबंध बनाए, मगर जब पीड़िता ने शादी की बात की तो उसने कहा कि अभी उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। समय आने पर शादी कर लेगा, लेकिन 22 फरवरी 2016 के बाद आनंद ने पीड़िता से बातचीत करना बंद कर दिया। पीड़िता को पता चला कि दो मार्च 2016 को आनंद ने किसी दूसरी लड़की से शादी भी कर ली। इस दौरान वह गर्भवती हो गई। 

किसी तरह पीड़िता ने आनंद को इसकी जानकारी दी तो उसने पीड़िता को खूब खरीखोटी सुनाई। इसके बाद उसने पूरी तरह से पीड़िता से संपर्क तोड़ लिया। आठ अक्टूबर 2016 को पीड़िता ने पुत्र को जन्म दिया। जिसके बाद पीडि़ता की ओर डालनवाला कोतवाली में आनंद के खिलाफ दुष्कर्म और जानमाल की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया। 

विवेचना के दौरान डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट में पीड़िता के पुत्र का डीएनए आनंद से मेल खा गया। अदालत ने फैसला सुनाते हुए आनंद कुमार को दुष्कर्म में सात साल कठोर कारावास और पीडि़ता के पुत्र का जैविक पिता मानते हुए उसे ढाई लाख रुपये प्रतिकर देने का आदेश सुनाया। 

दोषी आनंद पांच अक्टूबर 2016 से सुद्धोवाला कारागार में हैं, जहां से गुरुवार को कोर्ट आया था। सजा सुनाए जाने के बाद दोषी को फिर से जेल भेज दिया गया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से दस और बचाव पक्ष की ओर से तीन गवाह पेश किए गए।

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