उत्तराखंड: डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से मरीज हलकान
डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों की मुश्किलें बढ़ा दी। डीएसीपी की मांग को लेकर प्रदेशभर के डॉक्टर सुबह आठ बजे से 10 बजे तक ओपीडी में नहीं बैठे।
देहरादून, [जेएनएन]: डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों की मुश्किलें बढ़ा दी। बीते रोज भी दून समेत प्रदेशभर में मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।
डीएसीपी की मांग को लेकर प्रदेशभर के डॉक्टर सुबह आठ बजे से 10 बजे तक ओपीडी में नहीं बैठे। वहीं अस्पतालों में मरीजों ने सुबह से ही पर्चे बनाकर लंबी लाइन लगा ली थी। लेकिन, डॉक्टरों के ओपीडी में न होने से मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा। वहीं कई तो हड़ताल का नाम सुनकर ही बैरंग लौट गए।
कार्य बहिष्कार का सबसे अधिक असर पहाड़ी क्षेत्रों में पड़ा। दून में कोरोनेशन व प्रेमनगर अस्पताल में मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई मरीज हड़ताल का नाम सुनकर ही लौट गए। राहत की बात यह रही कि दून मेडिकल कॉलेज में कार्य बहिष्कार का खास असर नहीं दिखा। मेडिकल कॉलेज में पीएमएस के अतिरिक्त भी डॉक्टर उपलब्ध रहे।
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जिन्होंने हड़ताल के वक्त मोर्चा संभाले रखा। अल्ट्रासाउंड आदि के लिए जरूर मरीजों को इंतजार करना पड़ा। उधर, प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ संजीव गोस्वामी का कहना है कि अगर राज्य सरकार डॉक्टरों के प्रति ऐसा ही उदासीन रवैया रखेगी तो डॉक्टर भी अपनी मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे।
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