Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड: जंगल की आग बुझाने को उतरी वायुसेना, MI-17 से पानी का छिड़काव

वनाग्नि आपदा से जूझ रहे उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग थमने का नाम नहीं ले रही। रविवार को रानीखेत में आग बुझाने को सेना की मदद ली गई तो पौड़ी और नैनीताल में वायुसेना के दो एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने मोर्चा संभाल लिया।

By sunil negiEdited By: Published: Sun, 01 May 2016 09:17 AM (IST)Updated: Mon, 02 May 2016 09:00 AM (IST)
उत्‍तराखंड: जंगल की आग बुझाने को उतरी वायुसेना, MI-17 से पानी का छिड़काव

देहरादून। वनाग्नि आपदा से जूझ रहे उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग थमने का नाम नहीं ले रही। रविवार को रानीखेत में आग बुझाने को सेना की मदद ली गई तो पौड़ी और नैनीताल में वायुसेना के दो एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने मोर्चा संभाल लिया। हालांकि, पौड़ी में दोपहर तक धुंध के चलते हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया, मगर इसके बाद उसने नाै घंटे बाद उड़ान भरी और मांडाखाल, सुमाड़ी, खिूर्स, कठूड़ के जंगलों में पानी का छिड़काव कर आग बुझाई। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अर्द्धसैनिक बलों के साथ ही वन समेत विभिन्न विभागों के कार्मिक तमाम स्थानों पर जुटे रहे। वहीं, ढकरानी पावर हाउस तक भी जंगल की आग पहुंची, मगर इस पर काबू पा लिया गया।

loksabha election banner

पढ़ें:-उत्तराखंड में हर तीसरे-चौथे साल भयावह हो रही वनाग्नि

उधर, शासन भी वनाग्नि पर नजर रखे हुए है और उसका दावा है कि पिछले दो दिनों में वनाग्नि की घटनाओं में थोड़ी कमी आई है। वनाग्नि की रोकथाम को क्षतिपूरक वनीकरण प्रबंधन अभिकरण यानी कैंपा से आठ करोड़ की राशि अवमुक्त की गई है, जबकि 14 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है। एसडीआरएफ कोष से वन पंचायतों को पांच करोड़ रुपये उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अलावा पुलिस महानिदेशक एमए गणपति ने सभी थाना, चौकियों को अलर्ट कर दिया है।

पारे में उछाल के साथ ही जंगलों की आग भी विकराल होती जा रही है। रविवार को तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस का उछाल आया तो आग भी भीषण हो गई। सभी हिस्सों में जंगलों के धधकने से आसमान में धुएं व धुंध का बसेरा है। वनाग्नि पर काबू पाने के लिए शनिवार को नैनीताल और पौड़ी में पहुंचे वायुसेना के दोनों एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने रविवार को मोर्चा संभाला। पौड़ी में स्क्वाड्रन लीडर एसके यादव की अगुआई में वायुसेना के पांच अधिकारियों व छह तकनीकी कार्मिकों ने सुबह सात बजे श्रीनगर स्थित जीवीके हैलीपैड से अभियान शुरू किया, लेकिन धुएं व धुंध के चलते इसे रोकना पड़ा। सात घंटे बाद विजिबिलिटी ठीक होने पर हेलीकॉप्टर ने दोपहर करीब ढाई बजे पहली उड़ान भरी और पानी की बौछार कर आग बुझाने में जुट गया। पौड़ी के डीएम चंद्रशेखर भट्ट ने बताया कि वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने कोटेश्वर बांध से पानी भरकर सात उड़ानें भरीं।

जंगल की आग बुझाने को उतरी वायुसेना, देखें तस्वीरें

देखें तस्वीरें:- PICS: जंगल की आग, M-17 हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव शुरू

नैनीताल जिले में भी वायुसेना का हेलीकॉप्टर दिनभर आग बुझाने में जुटा रहा। अल्मोड़ा जिले के रानीखेत व आसपास के जंगलों में लगी आग बुझाने को सेना की मदद लेनी पड़ी। चमोली जिले में एनडीआरएफ की टीम आग बुझाने में जुटी है। उत्तरकाशी जिले में जंगल की आग 30 गांवों के पास आ पहुंची, जिसे बुझाने के प्रयास जारी हैं। देहरादून में ढकरानी पावर हाउस तक भी आग पहुंच गई थी, जिस पर काबू पा लिया गया। राज्य के लगभग सभी जंगल आग की गिरफ्त में है।

वन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो रविवार को राज्यभर में वनाग्नि की 136 घटनाएं हुई, जिनमें 285.75 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ। राज्य में अब तक 1218 घटनाओं में 2552.04 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग की चपेट में आया है। 54 हेक्टेयर क्षेत्र में लगाया गया प्लांटेशन भी आग की भेंट चढ़ गया है। वनाग्नि की भयावहता को देखते हुए वन महकमे के साथ ही सभी की निगाहें अब इंद्रदेव पर टिकी हैं कि वे कब मेहरबान हों।

जंगलों में लगी आग रोकने के लिए उठाए जा रहे कदम नाकाफी: हरीश रावत

'' सीमित संसाधनों के बावजूद उत्तराखंड के वन महकमे की ओर से उठाए गए कदम संतोषजनक हैं। वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए राज्य से मदद का जो भी प्रस्ताव आएंगे, उसे पूरा किया जाएगा।''
-एसएस नेगी, महानिदेशक वन

उत्तराखंड में अभी भी जल रहे हैं जंगल, देखें तस्वीरें 



अग्नि आपदा एक नजर

मौत 07
झुलसे 14
कुल अग्निकांड 1082
प्रभावित क्षेत्र 2269 हेक्टेयर

मुस्तैदी के साथ कार्य करें : डीजीपी
डीजीपी एमए गणपति ने सूबे में वनाग्नि को देखते हुए हर थाने में रिपोर्टिंग सिस्टम को मुस्तैदी से कार्य करने के लिए निर्देश दिए। साथ ही कहा कि थाना प्रभारी वनाग्नि से हुई जनहानि, मालहानि का पूरा ब्योरा जुटाएं।

ये हैं हेल्पलाइन नंबर

वन मित्र 9208008000
इमरजेंसी नंबर 108
वॉट्सएप 7455054828
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र 9557444486 व 0135-2410334
पढ़ें:- राजाजी टाइगर रिजर्व में जंगल की आग हुई बेकाबू, वन मकहमा लाचार

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.