Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्‍पीकर के समक्ष नौ बागी विधायकों के वकीलों की सुनवाई खत्‍म, वकीलों ने उठाई दो आपत्तियां

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Sun, 27 Mar 2016 02:06 PM (IST)

    आज विधानसभा में स्‍पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल के साथ नौ बागी विधायक पर दल बदल कानून के मामले में सुनवाई हुई। बागी विधायकों के वकील सीनियर एडवकेट दिनेश द्विवेदी और चेतन शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्‍होंने स्‍पीकर समक्ष दो आपत्तियां उठाई।

    देहरादून। उत्तराखंड में सियासी घमासान जारी है। आज विधानसभा में स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल के साथ नौ बागी विधायक पर दल बदल कानून के मामले में सुनवाई हुई। विधानसभा से बाहर आए बागी विधायकों के वकील सीनियर एडवकेट दिनेश द्विवेदी और चेतन शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने स्पीकर समक्ष दो आपत्तियां उठाई हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा कि स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल के समक्ष अधूरे सबूत होने की आपत्तियां उठाई गई, लेकिन स्पीकर अधूरी सुनवाई में ही उठकर चले गए। इस दौरान वकीलों ने कहा कि ऐसा लगता है कि कार्रवाई क्या और कब करनी है यह पहले से ही तय है। उन्होंने कहा कि एंटी डिफैक्शन लॉ के मामले में आरोप से संबंधित प्रमाणिक दस्तावेज देने के बाद जवाब दाखिल करने को काम से काम सात दिन का वक्त देने का प्रावधान है, लेकिन आज स्पीकर ने प्रारंभिक आपत्तियां सुनने के बीच में ही उठकर चले गए। वकीलों ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे खप पंचायत की तरह निर्णय लिया जा रहा है।

    स्पीकर के सामने सभी नौ विधायकों के जवाब दाखिल किए

    बीते रोज बागियों की पैरवी के लिए विधायक सुबोध उनियाल के साथ वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम ने विधानसभा पहुंचकर स्पीकर के सामने सभी नौ विधायकों के जवाब दाखिल किए। तकरीबन ढाई घंटे तक चली सुनवाई के बाद बागी विधायकों के पैरोकार दल बदल कानून के तहत दिए नोटिस में लगे तमाम आरोपों के बाबत सभी अभिलेख दिखाने और व्यक्तिगत सुनवाई का मौका नहीं दिए जाने से संतुष्ट नहीं दिखे। स्पीकर ने उन्हें रविवार सुबह नौ बजे कुछ अवशेष अभिलेख उपलब्ध कराने का भरोसा दिया, लेकिन इन अभिलेखों के मुआयने के बाद पैरोकारों और विधायकों को सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा।

    नौ विधायकों को जान का खतरा: सुबोध
    कांग्रेस के बागी विधायक सुबोध उनियाल ने नौ विधायकों की जान को खतरा बताते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में लोकतंत्र की मार्यादा का खुलकर हनन हो रहा है। विनियोग विधेयक पर सदन में मत विभाजन न करने के विरोध में आवाज उठा रहे कांग्रेस के नौ विधायकों के घरों पर छापे मारे जा रहे हैं। ऐसे में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा नौ विधायकों की जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग करना जायज है।
    सोमवार को प्रदेश में सुरक्षा चाक चौबंद
    प्रदेश में 28 मार्च को विधानसभा के विशेष सत्र के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रहेगी। प्रदेश के संवेदनशील स्थानों पर रविवार 27 मार्च शाम पांच बजे से 29 मार्च सुबह छह बजे तक धारा 144 लगाई जाएगी। विधानसभा से एक किलोमीटर के दायरे के साथ ही संपूर्ण नगरीय क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू रहेगी। हालांकि झंडा मेला क्षेत्र को इससे मुक्त रखा गया है। विधानसभा के भीतर भी चुनिंदा लोगों को ही प्रवेश करने दिया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर उत्तर प्रदेश से भी दस कंपनी पुलिस की ली जा रही हैं।
    शुक्रवार को विधानसभा सत्र के मद्देनजर विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। निर्णय लिया गया कि विधानसभा के भीतर किसी भी व्यक्ति को वाहन के साथ प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।
    डीएम तय करेंगे स्कूलों की छुट्टी
    मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि स्कूलों में छुट्टी तय करने का अधिकार जिलाधिकारी को रहेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं को नहीं छेड़ा जाएगा। अन्य स्कूलों पर जिलाधिकारी अपने विवेक के आधार पर निर्णय लेंगे।

    यह है पूरा मामला
    18 मार्च को बजट पर चर्चा के दौरान भाजपा ने जैसे ही मत विभाजन की मांग उठाई, इसी के साथ कांग्रेस के नौ विधायक सरकार के खिलाफ खड़े होकर भाजपा के पक्ष में आ गए। सदन में जबरदस्त हंगामे के बाद भाजपा और बागी विधायक उसी रात राज्यपाल से मिले और सरकार को अल्पमत में बताते हुए बर्खास्त करने की मांग की। इसके बाद देर रात भाजपा और बागी विधायक दिल्ली रवाना हो गए। तब से ये सभी गुड़गांव के एक होटल में डेरा डाले हुए थे। राज्यपाल केके पाल सरकार को 28 मार्च तक विश्वास मत साबित करने का समय दे चुके हैं।


    पढ़ें:-उत्तराखंड के राज्यपाल को तत्काल हटाया जाए: बहुगुणा