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    यूजेवीएनएल की चार बीघा जमीन पर अवैध कब्जा

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 27 Oct 2017 11:13 PM (IST)

    देहरादून में उत्तराखंड जल विद्युत निगम की करीब चार बीघा जमीन पर दबंगों ने रातों-रात झोपड़ी डालकर अवैध कब्जा कर लिया। ...और पढ़ें

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    यूजेवीएनएल की चार बीघा जमीन पर अवैध कब्जा

    देहरादून, [अंकुर अग्रवाल]: ढकरानी कॉलोनी में सोलर प्लांट के लिए आरक्षित उत्तराखंड जल विद्युत निगम की करीब चार बीघा जमीन पर दबंगों ने रातों-रात झोपड़ी डालकर अवैध कब्जा कर लिया। स्थिति ये है कि जहां कब्जा हुआ, वह शक्ति नहर से 500 मीटर के दायरे में आता है। 

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    हाईकोर्ट ने पिछले दिनों इस दायरे में जिला प्रशासन को अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिए थे। बावजूद इसके पुलिस-प्रशासन खामोश है। यही नहीं, कब्जे से चंद कदम की दूरी पर जल विद्युत गृह, प्राइमरी स्कूल और सोलर प्लांट का पैनल है। इनकी सुरक्षा भी खतरे में है। स्कूल प्रशासन व स्थानीय लोगों ने एसडीएम विकासनगर व थाने में शिकायत दी है, लेकिन दबंगों के आगे दोनों लाचार नजर आ रहे हैं।

    ढकरानी कॉलोनी में शक्ति नहर के किनारे की जमीन पहले सिंचाई विभाग के अधीन थी, लेकिन सोलर प्लांट परियोजना के तहत सिंचाई विभाग ने यह जमीन यूजेवीएनएल (जल विद्युत निगम) को हस्तानांतरित कर दी। प्लांट लगाने से पूर्व जमीन पर सैकड़ों अवैध कब्जों को हटाया गया और निर्माण शुरू हुआ। इस बीच आवासीय कॉलोनी से सटी चार बीघा की जमीन को भी प्लांट के लिए समतल किया गया, लेकिन इसी दौरान यहां अवैध कब्जे शुरू हो गए। 

    बताया जा रहा है कि दीपावली की पांच दिन की छुट्टी की आड़ व पुलिस-प्रशासन की लापरवाही के कारण यहां एक दर्जन से ज्यादा झोपड़ी व छप्पर डालकर न सिर्फ अवैध कब्जे कर लिए गए बल्कि धीरे-धीरे पक्का निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन्होंने शुरुआत में ही थाना पुलिस समेत एसडीएम विकासनगर जितेंद्र कुमार को शिकायत कर दी थी, मगर मौके पर आकर किसी ने झांकने तक की जहमत नहीं उठाई। 

    पूरे मामले में यूजेवीएनएल के अफसरों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। सरकारी जमीन पर कब्जे में लेनदेन के 'खेल' की चर्चा भी है। वहीं, स्कूली बच्चों के साथ अनहोनी का खतरा भांप प्राइमरी विद्यालय ढकरानी कॉलोनी के शिक्षकों की ओर से भी पुलिस में शिकायत दी गई है। 

    तारबाड़ कर हटाए जाएं कब्जे 

    स्थानीय लोगों की मांग है कि जमीन पर अवैध कब्जे हटाकर जल विद्युत निगम की ओर से तारबाड़ कराई जाए। उनका कहना है कि यदि तारबाड़ कराकर निगम ने जमीन को अपने कब्जे में नहीं लिया तो दोबारा से अवैध कब्जे का खतरा रहेगा।

    अदालत का भी ख्याल नहीं

    जिस जगह अवैध कब्जा किया गया है, वहां से विकासनगर की ढकरानी अदालत महज 200 मीटर दूर है। वहां चौबीस घंटे पुलिस तैनात रहती है। बावजूद इसके न पुलिस ने कब्जा करने वालों को रोका न ही स्थानीय लोगों की शिकायत सुनीं।

    कांग्रेसी नेताओं का 'हाथ'

    सूत्रों की मानें तो कब्जेदारों को शह देने में कुछ क्षेत्रीय कांग्रेसी नेताओं का 'हाथ' है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उक्त लोग वोटबैंक की खातिर अवैध कब्जे को बढ़ावा दे रहे हैं। जिसमें ग्राम प्रतिनिधियों की भूमिका भी संदिग्ध है। 

    जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन का कहना है कि यह गंभीर मामला है। विकासनगर एसडीएम को मौके का मुआयना कर तत्काल अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस को भी निर्देश दिए जा रहे हैं कि जिन लोगों ने अवैध कब्जा किया है उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए और अवैध कब्जा हटाया जाए। यूजेवीएनएल को जमीन पर तारबाड़ करने के निर्देश दिए जाएंगे।

    एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि शिकायत के बावजूद विकासनगर थाना पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की, इसकी जांच कराई जाएगी। स्थानीय प्रशासन की मदद से कब्जेदारों को हटाया जाएगा। यदि कोई विरोध में आया तो उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी भी की जाएगी।

     

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