चमोली में बादल फटा, बागेश्वर में महिला की मौत
उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला बरकरार है। चमोली जनपद के गैरसैंण में बादल फटने से एक मकान ध्वस्त हो गया। विभिन्न स्थानों पर मलबा आने से दिल्ली यमुनोत्री नेशनल हाईवे बंद हो गया।
देहरादून, [जेएनएन]: राज्य में लगातार हो रही बारिश आफत का सबब बनने लगी है। चमोली जिले के सैंजी गांव में बुधवार देर रात बादल फटने से दो आवासीय भवन ध्वस्त हो गए। प्रभावित दोनों परिवारों ने पंचायतभवन में शरण ली हुई है। यही नहीं, कई घरों में मलबा घुस गया, जबकि गांव के आसपास की कृषि भूमि तबाह हो गई।
बागेश्वर के चलकाना गांव के पास जंगल में हुए भूस्खलन के चलते गिरे बोल्डरों की चपेट में आकर एक महिला की मौत हो गई। यह महिला घास लेने गई थी। अल्मोड़ा के रिवाड़ी गांव में उफान पर आए बरसाती नाले ने ग्रामीणों की सांसे अटकाए रखीं। कई घरों की दीवारें ढह गई और मलबा घुस गया। दहशतजदा ग्रामीणों ने भागकर जान बचाई। इस घटना के बाद चार परिवारों ने तो गांव ही छोड़ दिया और वे अन्यत्र शिफ्ट हो गए हैं।
वहीं, चारधाम यात्रा मार्गों के बंद होने व खुलने का क्रम जारी है। इससे यात्रियों को दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। न सिर्फ पहाड़, बल्कि मैदानी क्षेत्रों में बारिश ने मुसीबतें बढ़ाई हुई हैं। उधर, मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में भी राज्य में वर्षा का क्रम बना रहेगा। कहीं-कहीं विशेषकर कुमाऊं क्षेत्र में 64 से 204 मिमी तक वर्षा की संभावना के मद्देनजर अलर्ट भी जारी किया गया है।
करीब तीन सौ की आबादी वाले सैंजी गांव में बुधवार रात करीब 11 बजे तब अफरातफरी मच गई, जब गांव के ठीक पीछे पहाड़ी पर बादल फटा। इससे पहले कि लोग संभल पाते, तभी बड़े पैमाने पर मलबा आ गया। इस दरम्यान दो घर छह गए। दोनों परिवारों ने किसी तरह जान बचाई। यही नहीं, गांव के लगभग सभी घरों में मलबा घुसने के साथ ही घरों के आसपास के खेत मलबे से अट गए। एक गोशाला भी क्षतिग्रस्त हो गई। गुरुवार को ग्रामीण दिनभर घरों में घुसा मलबा हटाने में जुटे रहे।
गढ़वाल के पर्वतीय इलाकों में कई संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं। केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री राजमार्गों पर जगह-जगह मलबा आने से इनके बंद होने व खुलने का सिलसिला चलता रहा। देहरादून समेत लगभग सभी हिस्सों में दोपहर बाद तक रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला चलता रहा।
वहीं, कुमाऊं मंडल में भी बुधवार रात और फिर गुरुवार को अधिकांश हिस्सों में बारिश हुई। धारचूला क्षेत्र में छह आवासीय भवनों को नुकसान पहुंचने और पेयजल योजना क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। पिथौरागढ़ में काली नदी खतरे के निशान 890 मीटर के मुकाबले 888.10 मीटर पर बह रही है। वहीं, रिवाड़ी गांव में बरसाती नाले से हुए नुकसान के बाद प्रशासन भी सतर्क हो गया है।
वहां ग्राम प्रहरी, एक-एक होमगार्ड व पीआरडी जवान की तैनाती की गई है, जो आपात स्थिति आने पर ग्रामीण को सतर्क करेंगे। क्षेत्र में कई संपर्क मार्ग भी बाधित हैं।
PICS: चमोली में बादल फटने से मकान ध्वस्त, दून की सड़कें बनी तालाब
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