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    अवार्ड सेरेमनी में जेंटलमैन कैडेट्स को मिला काबिलियत का ईनाम

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 07 Jun 2017 04:52 PM (IST)

    भारतीय सैन्य अकादमी में कड़े प्रशिक्षण के बाद सैन्य अफसर बनने से महज कुछ कदम दूर जेंटलमैन कैडेट्स को अवार्ड सेरेमनी के मौकेे पर उनकी काबिलियत का ईनाम मिला।

    अवार्ड सेरेमनी में जेंटलमैन कैडेट्स को मिला काबिलियत का ईनाम

    देहरादून, [जेएनएन]: भारतीय सैन्य अकादमी में कड़े प्रशिक्षण के बाद सैन्य अफसर बनने से महज कुछ कदम दूर जेंटलमैन कैडेट्स को उनकी काबिलियत का ईनाम मिला। मौका था अवार्ड सेरेमनी का।  इसमें कैडेट्स को व्यक्तिगत उत्कृष्टता, रोलिंग ट्रॉफिज व बैनर्स से नवाजा गया। 

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    इस मौके पर भारतीय सैन्य अकादमी के कमांडेंट ले. जनरल एसके उपाध्याय ने भावी अफसरों को देश की आन, बान और शान की रक्षा के मूलमंत्र दिए। साथ ही उन्होंने देश के भावी सैन्य अफसरों को अनेक पुरस्कार से सम्मानित किया। 

    खेत्रपाल सभागार में जेंटलमैन कैडेट्स को संबोधित करते हुए कमांडेंट ने किसी भी परिस्थिति से सामना करने, बदलाव को आत्मसात करने व तकनीक में दक्षता हासिल करने की सीख दी। साथ ही याद दिलाया कि एक अफसर व जवान के बीच रिश्ते की अहमियत क्या है। कार्यक्रम में सेना के विभिन्न अफसरों समेत जेंटलमैन कैडेट्स उपस्थित थे।

    हिम्मत तेरी बढ़ती रहे, खुदा तेरी सुनता रहे...

    'हिम्मत तेरी बढ़ती रहे, खुदा तेरी सुनता रहे। जो सामने तेरे पड़े, तू खाक में मिलाए जा..। आत्मविश्वास और जोश से लबरेज 490 जेंटलमैन कैडेट्स ने पासिंग आउट परेड के रैतिक पूर्वाभ्यास में कदम से कदम मिलाया। अंतिम पग भरा तो हेलीकॉप्टरों ने इन पर पुष्प वर्षा की। आइएमए के डिप्टी कमांडेंट एवं मुख्य प्रशिक्षक मेजर जनरल मनदीप सिंह ने परेड की सलामी ली।

    भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से शनिवार को 490 कैडेट पास आउट होंगे, इसमें 423 भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे, जबकि अन्य 67 विदेशी कैडेट हैं। 

    इन कैडेट्स ने डिप्टी कमांडेंट परेड में कदमताल की। डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल मनदीप सिंह ने कैडेट्स में जोश भरते हुए कहा कि देश का प्रहरी होने से ज्यादा गर्व की बात कुछ और नहीं है। कड़े प्रशिक्षण से गुजरकर कैडेट अब एक ऐसी दुनिया का हिस्सा बन रहे हैं जहां रोज नई चुनौतियों से सामना होगा।

    मेजर जनरल सिंह ने कहा कि अच्छे आचरण व पराक्रम के साथ योद्धा की जिम्मेदारियां निभाएं। दुश्मन से निपटने के लिए तकनीकि रूप से भी दक्ष होने की भी जरूरत है। उन्होंने कैडेट्स को हिदायत दी कि देशसेवा को सर्वोपरि मानते हुए आम नागरिकों के साथ सौहार्द कायम रखें। खुद को उनकी संस्कृति के मुताबिक ढालने का प्रयास करें, रिवाजों का सम्मान करें। 

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