पौड़ी में कोटद्वार के पास फिर फटा बादल, कई घरों में घुसा मलबा
बारिश से पौड़ी में दीवार ढहने से मां-बेटे की और गैरसैंण में नाले में बहने से महिला की मौत हो गई। अब तक प्रदेश में बीते छह दिन में मौसम के कारण 18 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल), [जेएनएन]: पहाड़ों पर बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार तड़के पौड़ी जिले के कोटद्वार से 20 किलोमीटर दूर दुगड्डा क्षेत्र में बादल फटने से गदेरों (बरसाती नदियों) में उफान आ गया। इससे कोटद्वार के कई इलाकों में मलबा घुस गया।
शुक्रवार को बादल फटने से मुसीबत में फंसे लोग और दहशत में आ गए। दूसरी ओर दुगड्डा से सटे लैंसडौन तहसील के एक गांव में मकान की दीवार ढहने से मलबे में दबकर चार साल के मासूम और उसकी मां की मौत हो गई। अब तक प्रदेश में बीते छह दिन में मौसम के कारण 18 लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कोटद्वार के प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया।
दो दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश से पहाड़ों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी-नाले उफान पर हैं और सड़कों पर मलबा आने से यातायात बाधित हो रहा है। शुक्रवार को बादल फटने से बेहाल कोटद्वार शनिवार को भी जख्म झेलता रहा।
दुगड्डा क्षेत्र में बादल फटने के बाद गदेरों में आए उफान से तबाही की मार झेल चुकी रिफ्यूजी कालोनी के साथ ही आम पड़ाव, हाईडल कॉलोनी, विद्युत सब स्टेशन, काशीरामपुर, सूर्या नगर, शिवालिक नगर, देवी नगर, प्रताप नगर, सैनिक कॉलोनी, कौडिय़ा और बालासौड़ के कई घरों में मलबा घुस गया। दूसरी ओर पौड़ी जिले के ही थैलीसैंण और कल्जीखाल ब्लाक में गोशालाएं ढहने से मलबे में कई मवेशी दब गए।
मलबा आने से हाईवे बाधित
पहाड़ों पर हो रहे भूस्खलन से संपर्क मार्गों के साथ ही हाईवे पर यातायात बाधित हो रहा है। बदरीनाथ के पास लामबगड़ में स्लाइडिंग के कारण मार्ग पर दूसरे दिन भी आवाजाही नहीं हो पाई। इसके अलावा केदारनाथ हाईवे पर भी चार जगह मलबा आने से खुलने-बंद होने का क्रम जारी है। हालांकि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर आवागमन सुचारु रहा। पौड़ी-कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग भी मलबे के कारण बंद है।
गंगा चेतावनी रेखा के पार
लगातार बारिश से उत्तराखंड में नदियां उफान पर हैं। ऋषिकेश में सुबह गंगा चेतावनी रेखा पार कर गई, लेकिन शाम तक जलस्तर कुछ कम हो गया। गढ़वाल में पिंडर, मंदाकिनी, नंदाकिनी, अलकनंदा और भागीरथी के अलावा कुमाऊं में शारदा, काली, गोरी और सरयू नदियों का वेग भयभीत कर रहा है।
बाढ़ में फंसे मंत्री
शनिवार को नैनीताल जिले के रामनगर पहुंचे वन मंत्री हरक सिंह भी सावल्दे नदी के पास फंस गए। चम्पावत से देहरादून लौटते हुए उन्होंने रास्ते के एक रिजॉर्ट में रात्रि विश्राम किया। सुबह रास्ता खराब होने के कारण वाहन आगे नहीं बढ़ पाया। रास्ते में नदी के उफान के कारण वह करीब एक घंटे रुके रहे। बाद में लोक निर्माण विभाग के कर्मियों ने उन्हें सीढ़ी के जरिये निर्माणाधीन पुल पर चढ़ाकर नदी के पार पहुंचाया। इधर पिथौरागढ़ जिले में शुक्रवार को रोके गया कैलास मानसरोवर यात्रा के 14वां दल धारचूला पहुंच गया है।
मौसम का पूर्वानुमान
देहरादून मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया के अगले 24 घंटे में प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं।
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